हिमाचल में पंचायत और नगर निकाय चुनाव स्थगित, सरकार ने दिया आपदा का हवाला
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 08:30 PM (IST)

शिमला (संताेष): हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून में हुई भारी तबाही को देखते हुए सरकार ने आगामी पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय चुनावों को स्थगित करने का निर्णय लिया है। सरकार के राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ ने स्पष्ट किया है कि चुनाव अब पूरे प्रदेश में सड़कों की उचित बहाली और कनैक्टिविटी सुनिश्चित होने के बाद ही करवाए जाएंगे।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 24(ई) के तहत राज्य कार्यकारी समिति ने यह फैसला लिया है। आदेशों के अनुसार मानसून के कारण प्रदेश में सड़कों, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुक्सान पहुंचा है। ऐसी स्थिति में चुनाव कराना मतदाताओं और मतदान कर्मियों दोनों के लिए असुरक्षित हो सकता है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सड़क संपर्क न होने के कारण कोई भी नागरिक अपने मताधिकार से वंचित न रहे।
यह निर्णय मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला के जिला उपायुक्तों (डीसी) द्वारा पंचायती राज सचिव के माध्यम से किए गए अनुरोध के बाद लिया गया। इन जिलों से मिली रिपोर्ट में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लोगों और चुनाव सामग्री की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी और क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली तक चुनाव न कराने की सिफारिश की गई थी।
इस वर्ष आपदा से हुआ भारी नुक्सान
आदेश में इस वर्ष मानसून से हुए भारी नुक्सान का भी जिक्र किया गया है। प्रदेश में 19 जून से सक्रिय मानसून के दौरान बादल फटने की 47, आकस्मिक बाढ़ की 98 और बड़े भूस्खलन की 148 घटनाएं दर्ज की गईं। इन प्राकृतिक आपदाओं में 270 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार मानसून के बाद भी पश्चिमी विक्षोभ के कारण भारी वर्षा हुई, जिससे आपदाओं में 13 और लोगों की मौत हो गई।
धरी रह गई चुनाव आयोग की तैयारी
उधर, राज्य चुनाव आयोग नवम्बर-दिसम्बर माह में पंचायत और नगर निकाय चुनाव करवाने की तैयारियां 2 महीने पहले शुरू कर चुका है। इन दिनों वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। आयोग ने आरक्षण रोस्टर भी लगाने के पहले ही निर्देश दे दिए हैं, लेकिन अब राज्य सरकार आपदा का हवाला देते हुए चुनाव टाल दिए हैं, जिसके चलते चुनाव आयाेग की सारी तैयारियां धरी रह गई हैं।