Kangra: 1966 में शानन विद्युत परियोज‌ना हिमाचल को मिलनी चाहिए थी : शांता कुमार

punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2024 - 09:16 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि छोटे से हिमाचल प्रदेश के साथ पिछले लगभग 60 वर्षों से एक बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। पिछले 10-12 वर्षों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर कहते हैं। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर की शानन बिजली परियोजना 110 मैगावाट की हिमाचल प्रदेश में है। हिमाचल के पानी से हिमाचल की धरती पर बिजली पैदा होती है और उस पर अधिकार पंजाब सरकार का है। इस प्रकार का भयंकर अन्याय और कहीं नहीं होता है। शांता कुमार ने कहा कि 1966 में पंजाब पुनर्गठन कानून बना।

उसमें स्पष्ट निर्देश था कि उस कानून के बाद सांझे पंजाब की जो सम्पत्ति जिस नए प्रदेश में होगी, वह उसी प्रदेश की मिलकीयत बनेगी। इस दृष्टि से 1966 में शानन बिजली परियोज‌ना हिमाचल को मिलनी चाहिए थी। 1977 में उन्हाेंने प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के साथ यह सवाल रखा था, उन्होंने समर्थन किया व सुब्रमण्यम कमेटी बनाई। बाद में सरकार चली गई और कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मंडी रियासत के साथ अंग्रेजी सरकार से की गई लीज डीड की अवधि भी समाप्त हो गई। हर दृष्टि से शानन बिजली परियोजना हिमाचल प्रदेश की मिलकीयत में आनी चाहिए।

हिमाचल के अधिकार के लिए एकजुटता से प्रयास करें नेता
शांता कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस संबंध में प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे हिमाचल के प्रमुख नेताओं जयराम ठाकुर, अनुराग ठाकुर और जगत प्रकाश नड्डा के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलें। हिमाचल के इस अधिकार के लिए पूरे हिमाचल का प्रतिनिधित्व करते हुए ये चारों नेता प्रधानमंत्री से मिलें और सर्वोच्च न्यायालय में जबरदस्त पैरवी करें।


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Kuldeep

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