विधानसभा के बाहर गरजे आऊटसोर्स कर्मचारी, मुख्यमंत्री से मिला आश्वासन
punjabkesari.in Wednesday, Mar 09, 2022 - 06:57 PM (IST)

शिमला (राजेश): आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन संबंधित सीटू के बैनर तले प्रदेश के सैंकड़ों मजदूरों ने मांगों को लेकर विधानसभा घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। विधानसभा घेराव के दौरान यूनियन प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मांग पत्र सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि आऊटसोर्स कर्मियों के लिए शीघ्र ही नीति बनाने का रास्ता साफ होगा। आऊटसोर्स कर्मियों की रैली 12 बजे पंचायत भवन शिमला से शुरू हुई व 103 से होते हुए विधानसभा के बाहर पहुंची। यहां पर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए व सरकार से आऊटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने व उन्हें रैगुलर करने, 26 हजार रुपए वेतन देने व सुप्रीम कोर्ट के समान काम के समान वेतन के निर्णय को लागू करने की मांग करने लगे। उग्र प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप किया व मुख्यमंत्री से प्रदर्शनकारियों को बातचीत का न्यौता दिया।
चेताया-तुरंत नीति नहीं बनी तो मानसून सत्र में पुन: बोलेंगे हल्ला
प्रदर्शन को सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र लाल, महासचिव दलीप सिंह, जगत राम, बिहारी सेवगी, कुलदीप डोगरा, अजय दुलटा आदि ने संबोधित किया। हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन संबंधित सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र लाल व महासचिव दलीप सिंह ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आऊटसोर्स कर्मियों के लिए तुरंत नीति नहीं बनी तो यूनियन मानसून सत्र में हजारों आऊटसोर्स कर्मियों को लामबंद करके दोबारा विधानसभा पर हल्ला बोलेगी।
कर्मचारियों का शोषण कर रही सरकार
यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश के 30 हजार आऊटसोर्स कर्मियों का शोषण व अनदेखी कर रही है। प्रदेश सरकार बार-बार घोषणाएं करने के बावजूद आऊटसोर्स कर्मियों के लिए नीति नहीं बना रही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार-वर्तमान बजट सत्र में ही आऊटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाकर उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करे व उन्हें नियमित कर्मचारी घोषित करें।
सीटू के विधानसभा घेराव में शामिल नहीं हुए कर्मचारी
हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी महासंघ बुधवार को सीटू के विधानसभा घेराव में शामिल नहीं हुआ। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि गत दिनों बजट में आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन की घोषणा की गई थी। वहीं मुख्यमंत्री ने जहां एक ओर सभी कर्मचारियों को आश्वास्त किया कि कैबिनेट सब कमेटी बहुत जल्दी अपनी सिफारिशें सरकार के समक्ष रखेगी, उसके बाद नीति निर्धारित की जाएगी, वहीं दूसरी ओर महासंघ को 14 तारीख को मिलने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि महासंघ बिल्कुल आश्वस्त है कि सरकार अपने वायदे के अनुसार नीति बनाने जा रही है। पूरा महासंघ सरकार का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि बुधवार को शिमला में सीटू के बैनर तले विधानसभा के बाहर आऊटसोर्स महासंघ के नाम से आंदोलन किया गया है। इसकी महासंघ निंदा करता है एवं स्पष्ट करता है कि महासंघ की ओर से काई भी कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल नहीं रहा।
एक घंटा खलीनी बाईपास होकर चली बसें, प्रशासन रहा सतर्क
आऊटसोर्स कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन की चेतावनी के चलते दोपहर 11.30 बजे से 12.30 बजे तक बालूगंज क्रॉसिंग व शोघी मार्ग से आने वाली बसों को खलीनी बाईपास होते हुए शिमला भेजा गया। एनपीएस.कर्मचारियों के हुए आंदोलन के बाद प्रशासन व शिमला पुलिस ने पहले ही सतर्कता बरतते हुए बसों को क्रॉसिंग से ही डायवर्ट कर दिया है। हालांकि बालूगंज शिमला मार्ग पर छोटे वाहन चलते रहे। सीटू के विधानसभा के घेराव के दौरान किसी भी जाम की समस्या का सामना आम जनता को नहीं करना पड़ा।
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