फंड की व्यवस्था कर खोले थे संस्थान, डिनोटिफाई करने का स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही सरकार : जयराम

punjabkesari.in Wednesday, Jan 04, 2023 - 07:56 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला) (तनुज): हिमाचल में पूर्व की भाजपा सरकार ने जो संस्थान खोले थे, उनके लिए फंड की पूरी व्यवस्था की थी। कैबिनेट में मंजूरी से इन्हें खोला गया था। बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वॉकआऊट के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। दफ्तर बंद करने से प्रदेश का भला होने वाला नहीं है। सुंदरनगर में वर्ष 1952 में खोली गई पुलिस चौकी को भी सुक्खू सरकार ने बंद किया है। चिंता की बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में विधायकों की कमेटियां बनाई गईं, जिसमें एक साल में खुले कार्यालयों और संस्थानों को लेकर रिव्यू करवाया जा रहा है। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। 

ट्राइबल क्षेत्रों के अत्यधिक आवश्यकता वाले कार्यालय भी कर दिए बंद
जयराम ने कहा कि कैबिनेट के निर्णयों को रिव्यू और उन्हें बदलने की ताकत सिर्फ कैबिनेट में होती है। यह भी पहली बार हुआ है कि सरकार बनने के 10 दिन के अंदर सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर आ गए। एसडीएम कार्यालय जहां एसडीएम ने विधायक का परिणाम घोषित किया, वही एसडीएम कार्यालय भी बंद कर दिए। बदले की भावना से काम करने से रोकने का आग्रह किया, लेकिन मुख्यमंत्री फिर भी अपनी ओर से अपने निर्णयों को सही सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं जोकि संभव नहीं है। जो संस्थान डिनोटिफाई किए गए हैं, उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। पूर्व में ऐसे संस्थान नहीं खोले गए जिनके लिए पद सृजित न किए गए हों। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका रिव्यू करना चाहिए था और जो जरूरी कार्यालय हैं उन्हें बहाल किया जाना चाहिए था। सरकार ने तो ट्राइबल क्षेत्रों के कार्यालयों को भी बंद कर दिया जहां पर लोगों को अत्यधिक आवश्यकता थी। 

पूर्व कांग्रेस सरकार में खुले 21 काॅलेजों को भाजपा ने चलाया
जयराम ने कहा कि हमारा कार्यकाल 2 साल तक कोरोना ने प्रभावित किया। इसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में आते ही हमारी सरकार के अंतिम एक साल के निर्णयों को रद्द करके हमारा कार्यकाल 5 की बजाय 4 साल कर दिया है। कांग्रेस सरकार को यह समझना चाहिए कि किसी भी कार्य को लेकर पहले रिव्यू किया जाता है, उसके बाद निर्णय होता है लेकिन कांग्रेस पहले निर्णय ले रही है उसके बाद रिव्यू करने की बात कह रही है। कोविड के बाद जनता की मांग के अनुसार ही कार्यालयों को खोला गया था। सरकार से कार्यालयों को बंद करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन वह स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस सरकार ने एक सप्ताह के भीतर 21 काॅलेज खोले थे, लेकिन भाजपा ने इन काॅलेजों के लिए फंड सहित अन्य व्यवस्थाएं कीं और इन्हें चलाया।

चयन आयोग को सस्पैंड करना गलत, युवाओं के कई परीक्षाओं के रिजल्ट रुके
जयराम ठाकुर ने कहा कि जेओए आईटी पेपर लीक मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार को चयन आयोग को सस्पैंड नहीं करना चाहिए था। इससे हजारों युवाओं को परेशानी हो रही है जिनके कई परीक्षाओं के रिजल्ट रुक गए हैं। हम चाहते हैं कि जो पद पूर्व भाजपा सरकार ने स्वीकृत करते हुए भरने के प्रक्रिया शुरू की थी उन पदों को जल्द भरा जाए। मैरिट में आकर अपने सुखद जीवन की कल्पना करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

सदन को बना दिया जनसभा, गरिमा को किया तार-तार
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने सदन को जनसभा बना दिया है। सदन में जनसभा की तरह तालियां बजती रहीं। इतना ही नहीं सदन की गरिमा को तार-तार किया गया। इतिहास में पहली बार हुआ है जब सदन के भीतर तालियां बजी हों और बैठने की जो व्यवस्था थी, उसे भी तोड़ा गया। उन्होंने ऑफिसर दीर्घा में कांग्रेस के सह-प्रभारी तेजेंद्र पाल बिट्टू के बैठने पर भी आपत्ति जताई।

अधिकारी की मौत पर चलता रहा सरकार का कार्यक्रम
जयराम ठाकुर ने कहा कि मंगलवार को धर्मशाला के जोरावर मैदान में एक आईपीएस अधिकारी की मौत हो जाती है और कांग्रेस का जन आभार कार्यक्रम चलता रहता है। कांग्रेस को यह अभिनंदन समारोह रोक देना चाहिए था। इससे पता चलता है कि कांग्रेस सरकार कितनी संवेदनहीन है। सरकार का ऐसा रवैया हास्यास्पद है और स्वीकार नहीं होगा।

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Content Writer

Vijay

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