सरकारी भूमि पर कब्जा करना पड़ा महंगा, उपप्रधान के पद से धोना पड़ा हाथ

punjabkesari.in Sunday, Aug 05, 2018 - 10:07 PM (IST)

इंदौरा (अजीज): सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करना एक पंचायत उपप्रधान को महंगा पड़ गया। ऐसा करने से उसे अपने पद से हाथ धोना पड़ा है। मामला जिला कांगड़ा के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र की पंचायत डैंकवां का है, जिसमें याचिकाकर्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए उपमंडल दंडाधिकारी धर्मशाला धर्मेश रामोत्रा की अदालत ने आरोपी को दोषी पाए जाने पर उसे उसके पद से बर्खास्त कर दिया और सरकारी भूमि पर कब्जा छोडऩे की तिथि से आगामी 6 वर्ष के लिए चुनाव लडऩे पर भी प्रतिबंध लगाए जाने का फैसला सुनाया दिया।

चुनावी हल्फनामे में दी थी गलत जानकारी
मामले के संदर्भ में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता हर्दित सिंह ने बताया कि उक्त पंचायत के उपप्रधान सतीश शर्मा ने सरकारी भूमि पर कब्जा करने के बावजूद अपने चुनावी हल्फनामे में गलत जानकारी चुनाव विभाग को दी तथा तथ्यों को छिपाकर चुनाव लड़ा, जिसमें वह विजयी भी हुआ था। इस पर उन्होंने उसके विरुद्ध एक चुनाव याचिका उपमंडल दंडाधिकारी नूरपुर की अदालत में जनवरी, 2016 में लगाई थी लेकिन आरोपी ने जिलाधीश कांगड़ा के समक्ष पारदर्शिता के बहाने से एस.डी.एम. नूरपुर के अतिरिक्त केस को कहीं अन्य हस्तांतरित करने की अपील की।

2 साल 8 माह चला मामला
ऐसा करने से यह मामला एस.डी.एम. धर्मशाला की अदालत में लगा और नए सिरे से जांच शुरू होने के चलते मामला और लटक गया। वहीं लगभग 2 साल 8 माह चले इस मुकद्दमे पर्याप्त साक्ष्यों व राजस्व रिपोर्टों के आधार पर माननीय अदालत ने उक्त निर्णय सुनाया है।


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Vijay

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