AIIMS के लिए इतने बीघा जमीन की नहीं हुई FCA क्लीयरैंस, लटक सकता है काम

punjabkesari.in Thursday, Apr 19, 2018 - 11:40 PM (IST)

शिमला: हिमाचल के बिलासपुर के कोठीपुरा में 1,400 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले एम्स के लिए वन विभाग की 445 बीघा जमीन की अभी तक एफ.सी.ए. क्लीयरैंस नहीं हुई है, ऐसे में एम्स का कार्य लंबित पड़ सकता है। केंद्रीय मंत्रालय ने हिमाचल सरकार से अतिरिक्त जमीन मांगी है। हिमाचल सरकार अभी तक 681 बीघा जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम कर चुकी है लेकिन जमीन कम होने के चलते हिमाचल सरकार से 600 बीघा अतिरिक्त जमीन मांगी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि जैसे ही जमीन केंद्र के नाम होगी, उसके बाद ही एम्स का काम शुरू होगा। 


टांसफर होनी है 1,258 बीघा जमीन
एम्स के लिए कुल 1,258 बीघा जमीन टांसफर होनी है, ऐसे में प्रदेश सरकार अभी तक जमीन को ट्रांसफर नहीं कर पाई है। हालांकि वन विभाग ने एफ.सी.ए. क्लीयरैंस के लिए मामला केंद्रीय वन मंत्रालय को भेज दिया है। ऐसे में वन मंत्रालय से एफ.सी.ए. की मंजूरी मिलने के बाद ही 445 बीघा जमीन स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम हो पाएगी। 


केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 1,400 करोड़ स्वीकृत
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बिलासपुर के कोठीपुरा में एम्स का शिलान्यास भी किया है। जानकारी के मुताबिक यहां पशुपालन विभाग की 112 बीघा जमीन के लिए राज्य सरकार ने एन.ओ.सी. दे दी है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में एम्स के निर्माण के लिए 1,400 करोड़ रुपए की राशि को स्वीकृति दे दी थी। 


स्थापना के लिए 30 महीने का लक्ष्य
बिलासपुर में एम्स की स्थापना के लिए लगभग 30 महीने का लक्ष्य रखा गया है। अगर समय से प्रदेश सरकार एम्स के लिए केंद्र को जमीन नहीं देती है तो एम्स बनाने के लिए अधिक समय लग सकता है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का कहना है कि बिलासपुर में एम्स की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार लैंड ट्रांसफर के काम में तेजी ला रही है। अभी तक जितनी जमीन स्वास्थ्य मंत्रालय को दी है, उतनी ही और चाहिए। प्रक्रिया जारी है। जल्द ही केंद्रीय मंत्रालय को जमीन दे दी जाएगी। 


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Vijay

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