स्वास्थ्य मंत्री के बयान से NHM व RNTCP कर्मचारी खफा, स्थायी नीति बनाने की उठाई मांग

punjabkesari.in Thursday, Feb 14, 2019 - 05:35 PM (IST)

मंडी (नीरज): स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान से नैशनल हैल्थ मिशन (एन.एच.एम.) व संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग कार्यक्रम (आर.एन.टी.सी.पी.) में कार्यरत कर्मचारी बुरी तरह से खफा हैं। आर.एन.टी.सी.पी. स्वास्थ्य समिति कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष देवी राम शर्मा ने बताया कि प्रदेश विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने रेणुका के विधायक विनय कुमार के प्रश्र के उत्तर में जो यह कहा कि इन कर्मचारियों के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं है, एक दुखदायी बयान है।

हमसे क्यों किया जा रहा सौतेला व्यवहार

उन्होंने इसका कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ई गवर्नैंस समिति, पी.टी.ए., पंचायत सहायक, मनरेगा के तहत पार्ट टाइम वर्कर, डेलीवेज कर्मचारियों तक को नियमित करने का प्रावधान किया है व नियमित पे स्केल के तहत लाया गया है, ऐसे में एन.एच.एम. व स्वास्थ्य समिति के कर्मचारियों के साथ ही क्यों सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। संघ का कहना है कि ये सब कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में पिछले 15-20 सालों से टी.बी. जैसी घातक बीमारी की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे हैं, जिससे कर्मचारी स्वयं भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं तथा कुछ कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद जिस तरह से सरकार व स्वास्थ्य मंत्री का रवैया है। इससे समूचे प्रदेश में कार्यरत हजारों कर्मचारी खफा हैं।

स्थायी नीति न बनाई को होगा संघर्ष

उन्होंने बताया कि पिछली वीरभद्र सरकार ने 28 मार्च, 2016 को स्वास्थ्य विभाग के तहत इन कर्मचारियों के लिए नियमित करने व रैगुलर पे स्केल देने हेतु निर्णय लिया था व इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी थी लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। इसी कारण से प्रदेश में कार्यरत 1334 कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से आग्रह किया है कि एन.एच.एम. व स्वास्थ्य विभाग समितियों के कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए। यदि ऐसा न हुआ तो आने वाले समय में ये कर्मचारी संघर्ष की राह पकड़ सकते हैं।


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Vijay

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