हिमाचल में मौसम को लेकर नई Update! छह दिनों तक बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की संभावना

punjabkesari.in Wednesday, May 21, 2025 - 01:04 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। पिछले कुछ दिनों से जारी गर्मी से परेशान लोगों को अब राहत मिलने वाली है, क्योंकि अगले छह दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम विभाग ने इस बदलते मौसम को लेकर  अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

पश्चिमी विक्षोभ का असर

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) अब और भी ज्यादा सक्रिय हो रहा है। 23 मई से इसका असर प्रदेश में व्यापक रूप से देखने को मिलेगा, जिससे मौसम में बड़ा बदलाव आएगा। यह पश्चिमी विक्षोभ ही इन आगामी दिनों में होने वाली तेज बारिश और आंधी-तूफान का मुख्य कारण बनेगा।

अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान

23 मई: हिमाचल के चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों में तेज बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहना होगा।

24 मई: स्थिति और व्यापक हो सकती है। चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में तेज हवाएं चलने, बिजली गिरने और ओलावृष्टि होने की आशंका है। किसानों और खुले में काम करने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

25 और 26 मई: प्रदेश के मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। वहीं, लाहौल-स्पीति और चंबा जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में हल्का हिमपात भी हो सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वालों को इन दिनों में विशेष सावधानी बरतनी होगी।

गर्मी से राहत और तापमान में गिरावट

इस बारिश और ठंडी हवाओं के चलते मैदानी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से काफी राहत मिली है। हालांकि, खराब मौसम की वजह से कई क्षेत्रों में सावधानी बरतना भी जरूरी है। पर्वतीय और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अनावश्यक यात्रा से बचने की भी सलाह दी जा रही है।

प्रशासन और जनता से अपील

मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों को भी अलर्ट पर रहने को कहा है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम संबंधित अपडेट्स पर नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें। खासकर पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़कों पर पेड़ गिरने जैसी घटनाओं की आशंका को देखते हुए सतर्कता बरतना आवश्यक है।


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Content Editor

Jyoti M

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