घर से गया था रूठ कर, 40 साल बाद कुछ इस हालत में मिला मुकेश अग्निहोत्री का चचेरा भाई

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 12:35 PM (IST)

हरोली(दत्ता) : अपने घरवालो से किसी बात को लेकर रूठकर घर से गए रमेश कुमार अग्निहोत्री को लगभग 40 वर्षो के बाद वापिस गांव लाया गया। जहां पर उसके परिवार का सगा भाई बहन या अन्य कोई संबंधी तो नहीं है। बल्कि उसके चचेरे भाई मुकेश कुमार अग्निहोत्री व उसके पारिवारिक अन्य सदस्यो ने उसकी देखभाल करने का जिम्मा उठाते हुए उसको अपने घर में पनाह दी है। वर्षो बीत जाने के बाद अचानक रमेश की खबर मिलने से उसके भाईचारे के लोगों ने उसके साथ संपर्क करने के लिए कही कोई एक पल भी जाया न करते हुए पंजाब की ओर रुख किया और मंगलवार देर शाम तक उसे गांव लाने में कामयाब हो गए। 

उसे गांव लाने के लिए गए गांव के अरूण अग्निहोत्री, अनूप अग्निहोत्री, उसके चहेरे भाई मुकेश कुमार अग्निहोत्री सहित अन्य ने बताया कि रमेश पिछले लगभग 40 वर्ष पहले अपने घर से किसी बात को लेकर चला गया था। परिवार के सदस्यो की ओर से उसे ढूंढने में काफी मशक्कत की। लेकिन कही कोई सफलता हाथ न लगी। कुछ समय के बाद रमेश की पंजाब में कही होने की सूचना भी लगी, लेकिन वहां से परिवार के सदस्यो को निराशा ही हुई। अनूप अग्निहोत्री ने बताया कि पंजाब के जिला लुधियाना से संबंधित मनुख्ता दी सेवा नामक सामाजिक संस्था के सदस्यो को जब जिला मोगा में  किन्ही लोगों की ओर से किसी व्यक्ति से बंधुआ मजदूर के तौर पर कार्य करवाने की सूचना मिली तो उन्होंने तुरन्त वहां का रुख किया। 

संस्था सदस्यों ने इसका लाइव वीडियो बनाते हुए फ़ेसबुक के जरिये शेयर किया गया। जिसे विधानसभा हरोली के ही गांव बीटन के पवन धीमान ने देखा। बंधुआ मजदूर के तौर पर कार्य करने वज़ले व्यक्ति ने जब अपने घर का पता हिमाचल के जिला ऊना से सम्बंधित गांव गोंदपुर जयचंद के बारे में बताया तो पवन धीमान ने उस पोस्ट वाले वीडियो को अपने क्षेत्रीय सदस्यो वाले ग्रुप में डालते हुए उसकी जानकारी अन्य सदस्यो को दी। इसी ग्रुप में रमेश के चेचेरे भाई मुकेश अग्निहोत्री ने वीडियो देखा। तब उसने इसकी जानकारी परिवार के अन्य सदस्यो को दी। अनूप, अरूण व मुकेश ने बताया कि उन्होंने वीडियो देखते ही लुधियाना की ओर तुरन्त रुख किया। उन्होंने बताया कि मनुख्ता दी सेवा संस्था के सदस्यो ने मोगा में जाकर रमेश का रेस्क्यू किया जहां पर उससे बंधुआ मजदूर के तौर पर कार्य लिया जा रहा था। वहां पर उसे उक्त लोगो ने डेयरी फार्म में पशुयों के गोबर उठाने व चारा डालने के लिए रखा हुआ था। 

संस्था के सदस्यो ने लाइव वीडियो में दिखाया कि किस तरह उसे उक्त लोगो की ओर से  बहला फुसलाकर कार्य लिया जा रहा था। उसे बताया गया कि उसकी पगार उसके घरवालों को लगातार भेजी जा रही है और उसकी शादी भी अगले कुछ महीनों में ही विदेशी महिला से करवाई जा रही है। वहां पर उसकी खासी दयनीय हालत दिख रही थी। उसके गंदे कपड़े व गंदे हाथ पैर देखकर ही उसकी।स्थिति का जायजा लग रहा था। रमेश ने लाइव वीडियो के जरिए संस्था सदस्यो को खुद बताया कि उसकी पगार उसके घरवालों को भेजी जा रही है और उसकी शादी विदेशी महिला से करवाई जाएगी। संस्था सदस्यो की उक्त लोगों ने कही कोई पेश नहीं चलने दी। लेकिन जब सदस्यों ने उन्हें कहा कि वह चाहे उसे अपनी मर्जी से उनके साथ भेज दे, अन्यथा वह माननीय कोर्ट का सहारा लेने में मजबूर होंगे। ऐसा सुनते ही उन लोगो ने संस्था सदस्यों के साथ अपनी सहमति जताते हुए रमेश को उनके साथ भेजने के लिए कह दिया।

संस्था सदस्यो ने उसे वहां से रेस्क्यू करते हुए संस्था की छत नीचे पनाह दी। वहीं सारी जानकारी मिलते ही रमेश के चेचेरे भाई सहित अन्य सदस्य भी लुधियाना पहुंच गए। अपनी पहचान बताते हुए लिखित तौर पर सारी उपचारिकताये पूरी करते हुए रमेश को वर्षो बाद घर वापिस लाया गया। गांव गोंदपुर जयचंद में मुकेश कुमार अग्निहोत्री व उसके परिवार के सदस्यो ने उसकी देखभाल करने का पूरा जिम्मा उठाते हुए उसे अपने घर पर पनाह दी है। अनूप अग्निहोत्री ने बताया कि रमेश के एक सगे भाई का निधन हो चुका है। जबकि दूसरा पंजाब में रहता है। उन्होंने बताया कि लगभग 40 वर्षो के बाद अपने गांव पहुंचा रमेश बुधवार को पारिवारिक सदस्यो व गांववालों को देख खासा उत्साहित दिखा। 


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Edited By

Simpy Khanna

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