तबाही के जख्म : यमुना घाट पर एक साथ जलीं सास-बहू की चिताएं, बहन के समीप भाई दफनाया

punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2023 - 05:43 PM (IST)

विनोद ने नम आंखों से दी माता, पत्नी और बेटे को अंतिम विदाई  
पांवटा साहिब (संजय कंवर):
पांवटा साहिब उपमंडल के सिरमौरी ताल में बादल फटने के कारण मची तबाही के बीच शुक्रवार शाम मलबे से बरामद विनोद कुमार के परिवार के 3 सदस्यों के शवों का शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। विनोद की माता 57 वर्षीय जीतो देवी, 31 वर्षीय पत्नी रजनी व 10 वर्षीय बेटे नितेश को हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी। सास और बहू का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। जीतो देवी को उनके बड़े बेटे कमल व छोटे बेटे विनोद ने मुखाग्नि दी। हादसे का शिकार हुई विनोद की पत्नी रजनी को 13 वर्षीय पीयूष ने मुखाग्नि दी। रिश्ते में रजनी पीयूष की चाची लगती है। गमगीन माहौल के बीच चारों तरफ क्षेत्र दहल उठा। बता दें कि इससे पहले गत शुक्रवार को विनोद के पिता व बेटी का भी अंतिम संस्कार किया गया था। 
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पिता ने रखी खाने की चीजें, बोले-दोनों मिलकर खा लेना
मलबे में दादी के सीने से लिपटे मिले 10 वर्षीय नितेश को भी राजबन के नारीवाला के जंगल में उसकी छोटी बहन दीपिका के साथ ही दफनाया गया। दृश्य देख पूरा माहौल गमगीन था। हर किसी की आंख से आंसू बह रहे थे। इस दौरान मौके पर मौजूद सांसद सुरेश कश्यप, विधायक सुखराम चौधरी आदि विनोद को ढांढस बंधाते रहे। नितेश को दफनाते समय उसके पिता विनोद ने  उसके पास सेब, केला, नमकीन और कुरकुरे रखे। विनोद ने हल्की-सी आवाज में कहा कि बेटा अपनी बहन के साथ मिल बांटकर खा लेना। विनोद के मुंह से निकले इन शब्दों के बाद वहां पर माहौल बहुत ही गमगीन हो गया और वहां पर खड़े लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े।
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पत्नी की मांग भर बेसुध होकर जमीन पर गिरा विनोद
पांवटा साहिब के श्मशानघाट में विनोद ने अंतिम संस्कार से पहले अपनी पत्नी रजनी की मांग भरी। मांग भरते ही वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। इसके बाद विनोद के जीजा नरेश ने उसे जमीन से उठाया और विनोद को गले लगाकर ढांढस बंधाया। फिर विनोद उठा और अपनी पत्नी की तरफ गया। इस दौरान वहां पर मौजूद महिलाएं जोर-जोर से विलाप करती रहीं।
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रजनी का चेहरा देख बेसुध होकर गिरी बहनें
यमुना घाट पर रजनी के अंतिम संस्कार में उसकी माता और बहनें भी पहुंची। माता व बहनें बार-बार जिद कर रहीं थीं कि हमें रजनी का चेहरा देखना है लेकिन वहां पर मौजूद लोग कह रहे थे कि चेहरा देखने लायक नहीं है। फिर रजनी की बहनें भागकर रजनी के शव के पास गईं। जैसे ही बहनों को चेहरा दिखाया तो दोनों बहनें बेसुध होकर जमीन पर गिर गईं। इसके बाद अन्य महिलाओं ने उन्हें उठाया। इस दौरान चारों तरफ चीख-पुकार मची थी।
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मदद के लिए आगे आए लोग
यमुना घाट पर सास और बहू का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लोग हाथ में लकड़ी लेकर आते दिखे। कोई ट्रैक्टर से लकड़ियां उतारते नजर आया तो कोई चिता पर लकड़ियां लगाते दिखा।   

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Content Writer

Vijay

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