कम संख्या वाले प्राइमरी स्कूल होंगे मर्ज : वीरभद्र सिंह

punjabkesari.in Thursday, Mar 09, 2017 - 11:42 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार राज्य में कम संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या आज काफ ी बढ़ चुकी है, ऐसे में सरकार ने शिक्षा विभाग को इनकी रि-ग्रुपिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूल जो साथ-साथ लगते हैं, जिनमें छात्रों की संख्या कम है, उन्हें आपस में मर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी दूर होगी। मुख्यमंत्री गैर-सरकारी सदस्य दिवस के तहत कर्नल इंद्र सिंह द्वारा लाए गए संकल्प पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने यह ऐलान किया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता लाने के लिए सरकार नर्सरी कक्षाएं आरंभ करने पर भी गंभीरता से विचार करेगी। 

समयबद्ध होगी स्कूलों की रि-ग्रुपिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की रि-ग्रुपिंग समयबद्ध होगी और शिक्षकों की राजनीति पर भी सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक प्रशिक्षित शिक्षक और बेहतरीन ढांचा उपलब्ध है और शिक्षकों को देशभर में सबसे अधिक वेतन भी दिया जा रहा है इसके बावजूद बच्चों का निजी स्कूलों की ओर पलायन ङ्क्षचता का विषय है। सी.एम. ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या के लिए सरकारी स्कूलों के ज्यादा खुल जाने को भी जिम्मेदार बताया और कहा कि इसी के चलते उन्होंने शिक्षा विभाग को स्कूलों की रि-ग्रुपिंग के आदेश दिए हैं। 

 बैचवाइज आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा
वीरभद्र सिंह ने निजी स्कूलों को व्यापारिक संस्थान भी करार दिया और कहा कि इन स्कूलों द्वारा बच्चों को टाई लगवाने या पैंट पहना देने से शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आ जाती। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में उतने प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं, जितने सरकारी स्कूलों में हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए एकमुश्त बड़े पैमाने पर बैचवाइज आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन भर्तियों के लिए हर जिले में साक्षात्कार होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले स्कूलों की संख्या कम होती थी। स्कूल सड़कों से जुड़े नहीं थे।

निजी स्कूलों पर नजर रखे सरकार : हंसराज
विधायक हंसराज ने कहा कि निजी स्कूलों के आधारभूत ढांचे, फ ीस और अन्य सुविधाओं पर नजर रखने की जरूरत है, साथ ही अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने विधायकों और उच्च अधिकारियों को स्कूलों के औचक निरीक्षण का सुझाव दिया। विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल के कांसैप्ट पर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में रैजीडैंशियल को-एजुकेशन स्कूल बनाने का सुझाव भी दिया। वहीं विधायक आशा कुमारी ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं। शिक्षकों की राजनीति इतनी ज्यादा है कि वे सब पर दबाव डालते हैं और उनका ध्यान राजनीति पर ज्यादा है और पढ़ाई पर कम। 

ताश खेलने के अलावा शराब पीते हैं कुछ शिक्षक : जयराम  
विधायक जयराम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र का उदहारण देते हुए कहा कि कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो स्कूलों में सरेआम ताश खेलते हैं और शराब पीते हैं। हम उनके खिलाफ  कुछ नहीं कर पाते। हम अधिकारियों को लिखकर देते हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। विधायक विजय अग्निहोत्री ने कहा कि स्कूलों में गैर-शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षकों पर बोझ पड़ रहा है। स्कूल में खेल और अन्य गतिविधियां ठप्प हो गई हंै। 


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