Shimla: मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट, जानें हिमाचल में तबाही के लिए किसे बताया जिम्मेदार
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 04:30 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में भारी बारिश से हो रही तबाही के बीच लोक निमार्ण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाऊंट पर आपदाओं को लेकर दिलचस्प व सचाई बयां करने वाला पोस्ट किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि हिमाचल एक गंभीर चुनौती के दौर से गुजर रहा है। अंधाधुंध सड़क निर्माण, वैश्विक तापमान वृद्धि, अचानक आने वाली बाढ़ और वनों की कटाई के कारण हमारी पहाड़ी भूमि पर भारी विनाश हो रहा है। इन आपदाओं में न केवल अनमोल जानें जा रही हैं, बल्कि हमारी संपत्ति और आजीविका भी नष्ट हो रही है। उन्होंने कहा कि अब वह समय आ गया है कि जब हमें अपने विकास के तरीकों में मूलभूत परिवर्तन लाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक संरचना अत्यंत नाजुक है। हमारे पर्वत, जो कभी हमारी शक्ति का प्रतीक थे, लेकिन आज हमारी गलत नीतियों के कारण कमजोर होते जा रहे हैं। जब हम पहाड़ों को बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के काटकर सड़कें बनाते हैं, तो हम उनकी प्राकृतिक स्थिरता को नष्ट कर देते हैं। इसका परिणाम भूस्खलन, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आता है।
बिना भूवैज्ञानिक अध्ययन के अब कोई भी सड़क परियोजना नहीं होगी शुरू
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अब कोई भी सड़क परियोजना तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक कि उसका पूर्ण भूवैज्ञानिक और पर्यावरणीय अध्ययन न हो जाए। हम आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ऐसी सड़कें बनाएंगे, जो पहाड़ों की प्राकृतिक संरचना को न्यूनतम नुक्सान पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि वनीकरण को हम अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएंगे। प्रत्येक सड़क परियोजना के साथ एक अनिवार्य पौधारोपण कार्यक्रम जोड़ा जाएगा, जितने वृक्ष काटे जाएं, उससे कहीं अधिक पौधे लगाए जाएं। इसके लिए हम स्थानीय समुदायों को भी जोड़ेंगे और उन्हें पौधारोपण के लिए प्रोत्साहन राशि भी देंगे।
जल संरक्षण के क्षेत्र में लाया जाएगा क्रांतिकारी बदलाव
विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट में कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में हम क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। पारंपरिक जल संग्रह प्रणालियों जैसे कि कूहल, बावड़ी और तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा। प्रत्येक गांव में वर्षा जल संचयन की आधुनिक व्यवस्था स्थापित की जाएगी। इससे न केवल बाढ़ की समस्या कम होगी, बल्कि भूजल स्तर भी बढ़ेगा। निर्माण कार्यों में हम पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों का संयोजन करेंगे। स्थानीय पत्थर, मिट्टी और अन्य प्राकृतिक सामग्री का अधिक उपयोग किया जाएगा।
मंत्री का आह्वान, आइए सब मिलकर करें पर्वतों की रक्षा
विक्रमादित्य सिंह ने हिमाचलियों से आह्वान किया कि आइए हम सब मिलकर अपने पर्वतों की रक्षा करें, अपनी नदियों को स्वच्छ रखें और अपने वनों को हरा-भरा बनाए रखें। यही हमारा धर्म है, यही हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अपने सुंदर प्रदेश को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य इसी पर निर्भर करता है।