MC शिमला ने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए कसी कमर, आयुक्त ने लोगों से की ये अपील

Tuesday, Jan 07, 2020 - 06:36 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम ने अपनी कमर कस ली है, जिसके चलते प्रतिदिन बैठकों का दौर जारी है। बैठकों में कर्मचारी से लेकर अधिकारी शामिल हैं और उन्हें समय-समय पर स्वछता को लेकर निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि शहर की सफाई व्यवस्था को ठीक रखा जा सके। मंगलवार को स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर निगम के आयुक्त पंकज राय ने प्रैस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण का आखिरी चरण शुरू हो गया है, जिसमें शिमला शहर की अच्छी रैंकिंग अब सिर्फ शहरवासियों के सहयोग पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था बनाए रखने और कूड़ा खुले में न फैंकने की जिम्मेदारी शहरवासियों को निभानी होगी तभी शिमला टॉप-20 में अपनी जगह बना पाएगा।

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण के 4 चरणों में से 3 चरणों का काम एमसी द्वारा पूरा कर लिया गया है तथा अब आखिरी चरण में केंद्र की टीम औचक निरीक्षण करेगी और लोगों से सफाई व्यवस्था का फीडबैक लेगी। यदि इसमें शिमला को अंक नहीं मिले तो शिमला 100 शहरों की रैंकिंग से सीधेतौर पर बाहर हो जाएगा। इसी चलते निगम प्रशासन ने शहरवासियों से सहयोग की अपील की है। स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग के लिए शिमला का गारबेज फ्री सिटी होना बेहद जरूरी है।

बीते साल इस श्रेणी में शिमला को सीधे-सीधे 1 हजार अंकों से हाथ धोना पड़ा था। केंद्र सरकार की टीम करीब 2 महीने पहले शिमला के गारबेज फ्री होने के दावों का निरीक्षण कर चुकी है, जिसमें कूड़ेदानों के बाहर बिखरे कूड़े के कारण ये दावे फेल साबित हुए हैं, ऐसे में शिमला को मिले आखिरी मौके पर शहर वासियों की थोड़ी सी कोताही सर्वेक्षण पर भारी पड़ सकती है, जिसके चलते एमसी प्रशासन ने शहरवासियों से कूड़ा खुले में न फैंकने और डोर-टू-डोर गारबेज कलैक्टर के न आने और गंदगी की शिकायत तुरंत 1916 पर करने की अपील की है। इसके अलावा आयुक्त, संयुक्त आयुक्त, सीएचओ सहित अपने पार्षद व सैनेटरी इंस्पैटर को भी शिकायत की जा सकती है, जिसका एमसी प्रशासन 24 घंटे के अंदर समाधान करेगा। इस काम के लिए एमसी द्वारा 31 जनवरी तक 1916 हैल्पलाइन नम्बर पर सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है जो न केवल शिकायतें सुनेगा, साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी भी देगा।

वहीं निगम के आयुक्त ने आम जनता के साथ-साथ शहर के व्यपार मंडल और टैक्सी चालकों से भी आह्वान किया है कि वे भी शहर की सफाई व्यवस्था को सही रखने में नगर निगम का सहयोग करें। उन्होंने टैक्सी चालकों से अपील की है कि जो टूरिस्ट यहां पर घूमने आते हंै, वे उन्हें सड़कों ओर पहाडिय़ों में कूड़ा फैंकने से रोकें ताकि हमारा शहर साफ सुथरा बना रहे। इसके लिए नगर निगम की तरफ से टैक्सी चालकों को फ्री जूट के बैग भी दिए जाएंगे ताकि टैक्सी चालक कूड़ा बैग में डालकर कूडे दान में फैंक सकें।वहीं दूसरी ओर व्यपार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि शिमला का व्यपार मंडल नगर निगम के साथ है। उन्होंने शिमला के व्यपारियों से अपील की है कि वे कूड़ा अपनी दुकान के आगे न फैंके।

बता दें कि शिमला के समीप शहर की तर्ज पर विकसित हो रहे क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था संभालना पंचायतों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। इन क्षेत्रों की बढ़ती आबादी से सफाई व्यवस्था बेकाबू होती जा रही है। पंचायतों में व्यावसायिक गतिविधियों के बढऩे से यह समस्या बढ़ी है। शहर से जुड़ी पंचायतों में बड़ी संख्या में पीजी चल रहे हैं ऐसे में रोजाना जमा होने वाला कूड़ा सड़कों व कूड़ेदानों के पास जमा हो रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम ने 9 जनवरी को मीटिंग रखी है, जिसमें पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और इस समस्या से कैसे निपटा जाए, उस पर चर्चा करेंगे।

इस मर्तबा स्वच्छता सर्वेक्षण में 4200 के करीब शहर शामिल हैं। ऑल ओवर रैंकिंग में बीते वर्ष शिमला शहर को 128वां रैंक मिला था। अभी एक से दस लाख की आबादी वाले 353 शहरों की लीग रैंकिंग में शिमला को 21वां नंबर मिला है। सर्वेक्षण प्रक्रिया में इस बार बदलाव किया गया है। हर तिमाही में शहरों का सर्वे हो रहा है। अब 4 से 31 जनवरी तक अंतिम सर्वेक्षण होगा, जिसमें केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कभी भी शिमला शहर का  निरीक्षण करने के लिए आ सकती है।

Vijay