भक्ति के रंग : 41वीं बार नंगे पैर मणिमहेश यात्रा पर निकले जम्मू के विश्वनाथ
punjabkesari.in Tuesday, Aug 23, 2022 - 05:58 PM (IST)

चम्बा (रणवीर) : भोलेनाथ की भक्ति व कृपा कभी भक्तों को निराश नहीं होने देती। भक्ति में बाधाएं जरूर होती हैं लेकिन शक्ति भी अपरंपार होती है। यह बात चम्बा के चौगान में ढोल, चिमटा व बांसुरी समेत अन्य वाद्ययंत्रों के साथ पहुंचे 62 वर्षीय विश्वनाथ ने कही। भक्ति के रंग में रंगे शिवभक्त विश्वनाथ 41वीं बार नंगे पैर मणिमहेश की यात्रा के लिए चम्बा पहुंचे हैं। वे 2 सितम्बर को राधाष्टमी के पवित्र न्हौण में मणिमहेश में स्नान करेंगे।
बाहर का खाना नहीं खाते
पैदल यात्रा के दौरान गूर विश्वनाथ बाहर का खाना नहीं खाते हैं। यात्रा के दौरान सभी पड़ावों में खुद व अन्य श्रद्धालु खाना बनाते हैं। बीते 16 अगस्त को जम्मू से जत्थे के साथ निकले सभी 56 श्रद्धालु भोले के भजन गाते हुए पैदल चम्बा पहुंचेंगे। यात्रा के दौरान बच्चों को छोड़कर लगभग सभी श्रद्धालु नंगे पैर ही मणिमहेश डल झील तक पहुंचेगे। मौसम साफ होते ही मणिमहेश जाने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ गई है।
चौगान में रौनक, भक्ति की बह रही बयार
चम्बा में भरमौर के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही बढऩे से चौगान में रौनक है। शहर के बाजारों में भी काफी चहल-पहल देखने को मिल रही है। मौसम के बेहतर होने चलते आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की तादाद और बढऩे की संभावना है। भरमौर प्रशासन ने मौसम साफ होने के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरी तैयारी कर ली है। चौगान में मंगलवार को वाद्ययंत्रों की धुन पर गूरों ने भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद दिया। भजन-कीर्तन से भोले की भक्ति का गुणगान किया।
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