दशहरा उत्सव पर लगी पाबंदियों से महेश्वर सिंह आहत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2020 - 11:47 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): पूर्व सांसद एवं अधिष्ठाता रघुनाथ जी के छड़ीबरदार राजा महेश्वर सिंह कुल्लू के दशहरा उत्सव पर पाबंदियों से आहत हैं। उन्होंने कहा कि हम देव आदेश पर परंपरा निभा रहे हैं और यह बेहद जरूरी भी है। महेश्वर सिंह ने कहा कि धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण में भी दशहरा हुआ और वहां बड़ी संख्या में लोग जुटे। देवी-देवताओं ने भी शिरकत की और अच्छा लगा। कोरोना को लेकर पाबंदियां सिर्फ ढालपुर मैदान में ही ठीक नहीं हैं। कोरोना के कारण नरसिंह जी की जलेब में भी एक ही देवता शिरकत कर रहे हैं। यह कोरोना के कारण व्यवस्था बनाई गई और जलेब में भी सिर्फ 30-40 लोग चल रहे हैं जिनके बकायदा कोरोना टैस्ट हुए हैं। जलेब जब चलती है तो लोग जुड़ते जाते हैं और इससे लोगों की संख्या जलेब में बढ़ रही है। महेश्वर सिंह ने कहा कि दशहरा उत्सव में देव कारजों को निभाना जरूरी है और परंपरा भी न टूटे, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। हम परंपरा निभा रहे हैं और इसे निभाना नितांत आवश्यक भी समझते हैं।

जब देवता फलाणी नारायण हुए प्रचंड

लगघाटी के देवता फलाणी नारायण जब बुधवार को दोपहर बाद भुट्टी कालोनी जा रहे थे तो वे ढालपुर चौक के पास अचानक प्रचंड हो गए। देवता का रथ अचानक घूमने लगा और देवता को कंधों पर उठाए लोगों के भी पसीने छूट गए। इसके बाद कई देवलुओं ने एक साथ देवता के समक्ष आकर पूछ डाली और देवता का रथ तेजी के साथ सीधा रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर की ओर बढऩे लगा। अस्थायी शिविर में देवता फलाणी नारायण ने रघुनाथ जी के समक्ष शीश नवाया। रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, कारदार दानवेंद्र सिंह और राज परिवार के सभी सदस्यों व लोगों ने फलाणी नारायण का स्वागत किया। देवता के कारदार चंदे राम और कारकून हरदेव ने बताया कि देवता अचानक ही तेजी के साथ रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर की तरफ मुड़ गए। 


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Vijay

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