हिमाचल से बाहर चरस ले जाने के लिए माफिया ने बदला रास्ता

punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2019 - 10:31 AM (IST)

शिमला (रविंद्र जस्टा): हिमाचल प्रदेश में चरस नशे का अंडरवर्ल्ड पूरी तरह से अपनी जड़ें जमा चुका है, जिसके चलते नशे का कारोबार काफी फल-फूल रहा है। पुलिस द्वारा बरती जा रही सख्ती के बाद तस्कर इतने अलर्ट हो गए हैं कि नशे की खेप ठिकाने लगाने के लिए रास्ते ही बदल रहे हैं। कुल्लू से जहां नशे की खेप को मनाली होकर बाहरी राज्य में भेजा जाता है, वहीं अब तस्कर ने अपने रास्ते बदलकर वाया आनी, निरमंड, रामपुर से शिमला होकर नशीले पदार्थों की खेप को बाहरी राज्य के लिए सप्लाई किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण शोघी बैरियर पर पकड़े गए दो तस्करों से लगाया जा सकता है। 

पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि पंजाब के इन दोनों तस्कर ने कुल्लू से चरस की यह खेप लाई थी और पंजाब में इसकी सप्लाई करनी थी। यह तस्तर कुल्लू से आनी-निरमंड होकर शिमला पहुंचे थे और मोहाली जाने का इनका लक्ष्य था। इस रास्ते से तस्कर इसलिए आए थे कि मनाली से चंडीगढ़ जाने वाले रास्ते में अब पुलिस काफी अलर्ट हो चुकी है। इस रास्ते से कुल्लू से हमेशा ही नशीले पदार्थों को ले जाते हुए पुलिस ने कई बड़े तस्करों को धर दबोचा है, ऐसे में अब तस्कर के दिमाग भी शातिर बन चुके। पंजाब से यह तस्कर हिमाचल में घूमने का बहाना लगाकर आते हैं और नशीले पदार्थों को लेकर चले जाते हैं। पुलिस कार्यप्रणाली से पूरी तरह वाकिफ यह तस्कर अपनी गतिविधियों में बड़ी तकनीकी सावधानियां बरतते हैं। तस्करी के दौरान अपने मोबाइल को बंद रखा जाता है और नए मोबाइल में नई सिम का प्रयोग किया जाता है। रास्ते भर में किसी से भी सम्पर्क करने की मनाही होती है।

खेप को ठिकाने लगाने के बाद छोटे सप्लायर्स को भी हिदायत दी जाती है कि किसी भी डिलीवरी के दौरान सप्लायर अपने पास बड़ी खेप न रखें। इसके अलावा नशे की खेप पहुंचाने के लिए दिहाड़ीदार चालकों का भी प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर मामलों में दिहाड़ीदार चालकों को यह पता भी नहीं होता कि जिस पैकेट की सप्लाई वह देने जा रहे हैं, वह कोई जरूरी दवाइयां या वस्तु नहीं बल्कि नशे का जहर है। अमूमन सप्लायर्स भी इन हिदायतों की अनुपालना करते हैं और पुलिस से आसानी से बच जाते हैं। शिमला में पुलिस ने दो तस्करों से 1 किलो 218 ग्राम चरस पकड़ी है, ऐसे में पुलिस को शक है कि इनके पीछे कोई बड़ा तस्कर हो सकता है। पुलिस की दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। 

नशे के राडार पर छात्र

शहरी क्षेत्रों में मनचले छात्रों को नशे का आदी बनाया जा रहा है। नशे के सप्लायर्स ऐसे हर छात्र को टारगेट करते हैं जो अपनी जिंदगी का पहला नशा करने की चाहत प्रस्तुत करते हैं। छात्रों को शुरूआत में नि:शुल्क नशे की खेप उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके बाद कभी न निकलने वाले इस दलदल में वे लगातार फंसते जा रहे हैं।


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Ekta

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