लैट्स ओपन ए बुक संस्था स्पीति के बच्चों के लिए साबित हो रही वरदान

punjabkesari.in Saturday, Sep 05, 2020 - 07:36 PM (IST)

काजा (ब्यूरो): कोविड काल में जब समस्त विश्व भय के माहौल में है, स्पीति घाटी के युवाओं ने बच्चों तक किताबें पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। यह काम क्वांग गांव की चेमी लहामो के नेतृत्व में हो रहा है, जो लैट्स ओपन ए बुक संस्था की स्वयंसेवक है। यह संस्था 2017 से स्पीति घाटी के सरकारी विद्यालयों में पुस्तकालय स्थापित करने का कार्य कर रही है। स्पीति घाटी हिमालय में स्थित एक दुर्गम व अत्यधिक ठंडा पर्वतीय इलाका है, जहां काम करना किसी भी समाजसेवी संगठन के लिए कठिन कार्य है।

इस संस्था ने घाटी में दूरदराज के 60 से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में करीब 600 विद्याॢथयों के लिए छोटे पुस्तकालय स्थापित किए हैं। इन पुस्तकालयों में हिन्दी, अंग्रेजी और तिब्बतियन भाषाओं में ज्ञानवद्र्धक पुस्तकें पढऩे के लिए रखी गई हैं। स्पीति के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी है ताकि वे इन किताबों को बच्चों के साथ सांझा कर सकें। इस संस्था ने स्पीति के एकमात्र सार्वजनिक पुस्तकालय को दोबारा सुचारू रूप से शुरू करने की कोशिशें भी की हैं। चूंकि इस समय सभी विद्यालय बंद हैं और बच्चे पुस्तकालय से किताबें लेने से वंचित हैं।

चेमी लहामो ने कुछ स्वयंसेवकों के साथ स्थानीय प्रशासन व शिक्षकों की मदद से पुस्तकें निकलवा कर बच्चों तक पहुंचने का कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि बच्चों में पढऩे की आदत बनी रहे। संस्था की संस्थापक रुचि धोणा का कहना है कि भय और अनिश्चितता के माहौल में पुस्तकें निश्चित रूप से बच्चों में मानसिक संतुलन को बरकरार रखने में मददगार साबित होंगी।

स्थानीय भाषाओं में भी बनाए हैं वीडियो

यह कार्य इस समय माने, किब्बर, काजा, गुलिंग व लांगचा आदि गांवों में चल रहा है। संस्था ने बच्चों के लिए स्पीति व अन्य भाषाओं में कहानी के वीडियो भी बनाए हैं। इन वीडियो को शिक्षकों और अभिभावकों के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है। एसडीएम जीवन सिंह नेगी ने कहा कि इस तरह पुस्तकालय बनाने में संस्था का योगदान काफी सराहनीय है। इस पुस्तकालय से बच्चों को काफी लाभ मिल रहा है।


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Vijay

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