Kullu: साधू ने मंदिर की चमत्कारी विभूति के नाम पर 3000 रुपए में बेच दिया नशा
punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 10:21 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): बजौरा के एक युवक को साधू ने मंदिर की विभूति बताकर एमडीएमए नशा बेच डाला। युवक को साधुओं ने सलाह दी कि जब उसे अधिक तनाव हो या वह किसी मुश्किल हालात में हो तो इस विभूति के कुछ दानाें का सेवन भी कर सकते हैं। युवक भी दो महीने तक इस नशे की पालीथीन की पुड़िया को जेब में डालकर घूमता रहा। जब उसे साधू ने बजौरा में फोरलेन पुल के नीचे पैदल चलते हुए करीब दो माह पहले 3000 रुपए में यह पुड़िया दी थी तब वह नशा ग्रेन्यूल शेप में था।
जेब में रखे पर्स में रखने के कारण दबाव की वजह से यह नशा और बारीक होता गया और इसका पाऊडर सा बन गया। युवक ने कुछ थकान व तनाव के बीच दो तीन बार साधू की सलाह के अनुसार इस नशे को चखा भी और स्वाद में यह कुछ कड़वा व नमक जैसा अजीब स्वाद वाला था। उसे चखने के बाद उसे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था और सिर चकराने लगता व नींद भी आ रही थी। जब वह सोता था तो उसे कुछ पता ही नहीं चलता था और बेसुध पड़ा रहता था। जब उसने अपने दोस्त को साधू द्वारा दी गई विभूति के बारे में बताया और उसे चखने के बाद की स्थिति के संदर्भ में अवगत कराया तो पता चला कि यह खतरनाक नशा है। युवक व उसके दोस्त ने जान पहचान के नशे के आदी लोगों को वह विभूति दिखाई तो उन्होंने उसे बताया कि यह एमडीएमए नशा है।
नशेड़ी इस पुड़िया को उन्हें देने का भी आग्रह करने लगे। युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब उसे पता चला कि यह नशा है तो उसने उस पुड़िया को आग में डालकर नष्ट कर दिया। युवक ने कहा कि कई लोग नशा बेचने के विभिन्न तरीकों को इस्तेमाल कर रहे हैं। इस प्रकार विभूति आदि के चक्कर में लोगों को नहीं पड़ना चाहिए। कई बार साधू के वेश में लुटेरे भी घरों में घुसते हैं और प्रसाद आदि के तौर पर नशा खिलाते हैं। जिससे लोग बेसुध हो जाते हैं और ऐसे लोग घरों में चोरी करके फुर्र होते हैं। पुलिस को भी साधू के वेश में घूम रहे लोगों व देसी दवाइयां बेचने व शर्तिया इलाज का दावा करने वालों की तलाशी आदि लेते रहना चाहिए।
हाथ देखा और माथे की लकीरों को देखकर कहा कि आपके ग्रह ठीक नहीं हैं
युवक ने बताया कि बजौरा पुल के नीचे गड़सा रोड़ पर जब उसे 2 साधू मिले थे तो एक ने उसका हाथ देखा और माथे की लकीरें पढ़कर कहा कि उसके ग्रह ठीक नहीं हैं। जीवन में कुछ कष्ट व पूर्व में हुई बुरी घटनाओं का भी हवाला दिया। अक्सर हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ अच्छा बुरा हुआ होता है। भागदौड़ भरे जीवन में तनाव में भी सभी लोग होते ही हैं। मुझे भी साधू की बातों पर यकीन हुआ और उसकी सलाह के अनुसार खतरनाक नशे का सेवन करता रहा। पुड़िया में जो नशा था वह करीब 2 ग्राम था। उसमें नमक की भी कुछ मात्रा थी क्योंकि मुंह में रखने पर कड़वाहट के साथ नमक का स्वाद आता था। लोगों को नशेड़ी बनाने का भी नशा माफिया का यह एक तरीका हो सकता है। विभूति वाली पुड़िया के अलावा दोनों साधुओं ने उससे 100-100 रुपए दक्षिणा भी ली।
कई बार हुई घरों में चोरी
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार खतरनाक नशों व बेहोशी की दवाइयों का प्रसाद के तौर पर सेवन करवाकर घर में घुसे शातिरों ने चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है। जब तक लोग होश में आते हैं तब तक सब कुछ लूट चुका होता है और घरों से सोने-चांदी के आभूषण व अन्य कीमती सामान गायब होते हैं। एएसपी कुल्लू संजीव चौहान का कहना है कि हर किसी के हाथ से कुछ भी न खाएं। कई बार साधू या देसी दवाइयां आदि बेचने की आड़ में कुछ भी नशीली वस्तु खाने को देते हैं। ऐसी चीजों का सेवन सेहत के लिए भी खतरनाक हो सकता है।