कुल्लू पुलिस की मुहिम लाई रंग, नेपाली मूल के बच्चे को मिला फिर से परिवार (Video)

punjabkesari.in Friday, Nov 09, 2018 - 02:28 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप ठाकुर): कुल्लू पुलिस की मुहिम एक बार फिर रंग लाई है। नेपाल के 15 वर्षीय बच्चे को परिवार मिल गया है। बता दें कि नेपाल से दो वर्ष पहले 15 वर्षीय रमेश बुढ़ाक्षेत्री अपने बुआ के बेटे के साथ कुल्लू मनाली आया था और उसके बाद रमेश प्रीणी के एक होटल में बाल मजदूरी का काम करता था। उसके बाद चाइल्ड लाइन ने रमेश को होटल से रेस्क्यू कर बाल गृह कलैहली में रखा, जहां पर रमेश ने दो साल पढ़ाई की और वो 8वीं कक्षा में पढ़ाई करता था। इस बीच कुल्लू पुलिस ने बाल गृह कलैहली में पढ़ रहे दो बच्चों की सूची मूलप्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज नगर समिति भुंतर के द्वारा नेपाली पुलिस को पत्र लिख भेजी। जहां पर सभी बच्चों की सूचि उनके जिला की थाने चौकियों को भेजी और उसके बाद रमेश बुढ़ाक्षेत्री  के घर में फोटो के साथ सूचित किया गया। उसके बाद परिवार के द्वारा फोटो और नाम पहचान कर रमेश के घरवालों ने उसको पहचाना और उसके बाद उसके दादा नंद राम बुढ़ाक्षेत्री कुल्लू पहुंचा। जहां पर पुलिस ने लिखित कार्रवाई के बाद रमेश को उसके दादा के हवाले कर दिया।
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एसपी कुल्लू शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि सभी के सहयोग से रमेश को उसका परिवार मिल गया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए बताया कि कोई भी अगर बाल मजदूरी करते हुए नजर आए तो तुरंत चाईल्ड लाईन पर सूचना दे। मूलप्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज नगर समिति भुंतर के कहैयै लाल चौधरी का कहना है कि पिछले महीने भुंतर में नेपाली एकता समाज के द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया था जिसमें पुलिस ने नेपाली एकता समाज को नेपाली बच्चों के बारे में बताया जो बाल गृह कलैहली में रहते थे और उसके बाद एक सूचि तैयार की गई जिसके बाद  उस सूचि को नेपाली के विभिन्न जिला में भेजा जहां के बच्चें बाल गृह कलैहली में है। 
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वहीं रमेश का कहना है कि वो दो साल पहले कुल्लू मनाली आया था। उसके बाद वो मनाली के प्रीणी में एक नेपाली व्यक्ति के होटल में काम करता था। रमेश ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वो अब अपने दादा के साथ वापिस नेपाल जाएगा। उसके दादा नद राम बुढ़ाक्षेत्री ने बताया कि वे दो साल से उसकी खोज कर रहे थे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला था। जब उन्हें पुलिस की तरफ से पत्र मिला और उसके बाद भुंतर वे नेपाली एकता समाज के लोगों के साथ संपर्क हुआ। बता दें बाल गृह में अभी भी 23 बच्चें यहां रह रहे है। जिन्हे उनके परिवार से मिलाने के लिए पुलिस प्रशासन और स्थानीय नेपाली संस्थाए काम कर रहे है जिससे आने वाले समय में उम्मीद है कि बाकी  बच्चों को भी उनके परिवार से मिलाया जाएगा।


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Ekta

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