जानिए मनरेगा मजदूरी में देरी के लिए पंचायत सचिवों को मिले क्या नए दिशानिर्देश
punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 11:11 AM (IST)
डाडासीबा (सुनील): हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग ने प्रदेश के समस्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को मनरेगा के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार मनरेगा के अंतर्गत पंचायत सचिवों के कर्तव्य बारे विभाग ने मार्गदर्शन देते हुए कहा है कि मनरेगा कार्य से संबंधित समयवद्ध अदायगियों बारे जारी अधिसूचना अनुसार मनरेगा कार्य में पंचायत सचिव की कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि अधिकांश मामलों में यह सामने आया है कि मनरेगा कामगारों को मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं होता है जिस कारण पंचायत सचिवों से जवाब तलबी की जाती है जिसे लेकर राज्य अध्यक्ष अमित जसरोटिया ने पंचायत सचिवों का पक्ष सरकार के समक्ष रखा था। विभाग ने पंचायत सचिवों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए अब साफ कह दिया है कि यदि मनरेगा मजदूरी में किसी भी प्रकार से देरी होती है तो इसके लिए पंचायत सचिव जिम्मेदार नहीं होंगे। काबिले जिक्र है कि मनरेगा कार्य से संबंधित मस्टर रोल ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा तैयार किए जाते हैं तथा उनके द्वारा ही इसमें समयबद्ध हाजरियां लगाई जाती हैं। यह कार्य ग्राम सेवकों द्वारा ऑनलाइन किया जाता है ।
ऑनलाइन हाजरी इंद्राज होने के उपरांत मनरेगा कामगारों को इसकी अदायगी ईएफएमएस द्वारा ऑनलाइन जिला मुख्यालय से होती है। विभाग के पास देरी से हो रही अदायगियों की शिकायतें लगातार पहुंच रही थी जिस कारण अब विभाग ने 17 जून 2017 के अंतर्गत जारी मनरेगा कार्य से संबंधित समयवद्ध अदायगियों बारे जारी अधिसूचना का जिक्र करते हुए कहा है कि इस मामले का जारी अधिसूचना के आधार पर परीक्षण उपरांत निपटारा करना सुनिश्चित बनाया जाए। यानी अब मनरेगा कामगारों की मजदूरी संबंधी अदायगी में विलंब होता है तो इसके लिए पंचायत सचिव उत्तरदायी नहीं होंगे। हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त निदेशक केवल शर्मा ने इस बारे दिए गए मार्गदर्शन की पुष्टि की है तथा प्रदेश के समस्त अतिरिक्त उपायुक्तों को भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। पंचायत सचिव संघ के राज्य प्रवक्ता विजय ठाकुर ने कहा कि इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग ने मार्गदर्शन देते हुए स्पष्ट कहा है कि मजदूरी में विलंब के लिए पंचायत सचिवों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।