Watch Video : पुलिस ने गुड़िया व होशियार सिंह मामले से खाकी पर लगे आरोपों को धोया

punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2017 - 07:57 PM (IST)

सोलन: गुड़िया व होशियार सिंह मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों के बीच कंडाघाट पुलिस ने मानवता की एक नई मिसाल पेश की है। कंडाघाट पुलिस ने सड़क के किनारे बेहोशी की हालत में पड़े मानसिक  रोगी का इलाज ही नहीं करवाया बल्कि चार वर्ष बाद उसे उसकेपरिवार से भी मिलाया दिया। कंडाघाट पुलिस के इस मानवीय कार्य से लोगों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर विश्वास बढ़ेगा। कंडाघाट पुलिस ने अपने खर्चे पर एक मानसिक रोगी का आईजीएमसी शिमला अस्पताल में इलाज करवाया और जब इस मानसिक युवक की याद्दाश्त वापिस आई तो कंडाघाट पुलिस ने इस युवक को उसके परिवार से मिलाया। परिवार द्वारा अपने खोए हुए बेटे को पाने के बाद खुशी से फूले नहीं समा पा रहे है। अपने भाई को लेने आए वासुदेव ने अपने छोटे भाई को जब कंडाघाट थाने में पाया तो उसने कहा कि हिमाचल की पुलिस भगवान का रूप है।

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कंडाघाट पुलिस को चार माह पहले जुलाई महीने में कंडाघाट के डेढ़घराट के पास नेशनल हाईवे के किनारे एक 29 वर्षीय युवक सड़क के किनारे फटे कपड़ों में मिला था। यह युवक अपनी होशोहवास ही खो बैठा था कंडाघाट पुलिस द्वारा इस युवक को उस समय कोर्ट में पेश करने के बाद थाना प्रभारी कंडाघाट संदीप शर्मा ने युव का इलाज करवाने की ठानी और  युवक को आईजीएमसी शिमला अस्पताल दाखिल कर दिया गया।  शिमला अस्पताल में इस युवक का उपचार एक माह में किया गया। उसके बाद युवक को मेंटल अस्पताल बालूगंज शिमला में रखा गया। इलाज के दौरान युवक की याद्दाश्त वापस आ गई।

याद्दाश्त वापिस आने के बाद बालूगंज अस्पताल के डाक्टरों ने इसकी सूचना कंडाघाट थाना प्रभारी संदीप शर्मा को दी, कि युवक ठीक हो गया है और उसे इस अस्पताल से ले जा सकतेे हैं। सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी संदीप शर्मा की टीम युवक को कंडाघाट थाने ले आई। इसके बाद युवक ने अपना नाम बबलू उम्र 29 साल निवासी डूमरी झारखड़ के रुप में बताई। इस दौरान उसने अपने घर का भी पता बताया। कंडाघाट पुलिस ने थाना डूमरी में संपर्क सादा और उसके परिवार को 
इसकी सूचना दी गई। 

खुशी से झूम उठे बबलू के परिजन
बबलू के परिवार को जब इसकी सूचना मिली तो परिवार वाले खुशी से फुले नहीं समाय, लेकिन हिमाचल प्रदेश तक पहुंचने के लिए पैसा न होने के चलते उन्होंने थाना प्रभारी संदीप शर्मा को आने से मना कर दिया, लेकिन थाना प्रभारी संदीप शर्मा द्वारा बबलू के परिवार को हिमाचल आने के लिए पैसा उसके घर पहुंचाया। उसके बाद ही बबलू का परिवार हिमाचल प्रदेश उसे लेने आ सका। जैसे ही बबलू के भाई और बाप ने बबलू को कंडाघाट थाने में देखा तो वह अपने आंसू न रोक पाए । 

आखों के सामने है अब बबलू
बबलू के भाई वासुदेव ने बताया कि बबलू पिछले पांच सालों से अपने घर से गायब हो गया था। वह हिमाचल जैसे पहुंचा उन्हें नहीं पता, लेकिन बबलू जिंदा है व उनकी आंखों के सामने है इसके लिए वह कंडाघाट थाना प्रभारी संदीप शर्मा सहित कंडाघाट पुलिस कर्मचारियों का आभार प्रकट करता है। जिन्होंने एक भाई को अपने छोटे भाई से व एक बाप को अपने बेटे से मिलाया। 

सेब के सीजन में मिला था युवक
संदीप शर्मा एसएचओ कंडाघाट ने बताया कि युवक 4 महीने पहले जुलाई माह में बेहोशी की हालत में सड़क के किनारे मिला था तो उस समय सेब का सीजन चला हुआ था यदि पुलिस कर्मचारी इस युवक को सड़क के किनारे से नहीं उठाते तो यह किसी सेब से भरे ट्रक के नीचे आ सकता था। इसी को सोचकर इसका इलाज करवाने की ठानी और आज इसका नतीज़ा सामने है। संदीप शर्मा ने बताया कि कंडाघाट के सभी पुलिस कर्मचारियों में भी खुशी की लहर है कि उनकी मेहनत रंग लार्ई है व एक बेटे को अपना परिवार मिल गया। 


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