विधानसभा के बाहर मांगों को लेकर गरजा जल शक्ति पैरा कर्मचारी संघर्ष मोर्चा
punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 04:24 PM (IST)
शिमला (संतोष): विधानसभा सत्र के 11वें दिन अपनी मांगों को लेकर जल शक्ति पैरा कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने भी मोर्चा खोला और मांगों को लेकर चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। जल शक्ति विभाग के पैरा वर्करों के लिए अपनी पॉलिसी बनाने की प्रमुख मांग सरकार से उठाई है। मोर्चा के संस्थापक प्रवीण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष अमन वर्मा, महासचिव उपनेश डोगरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुश कुमार, बहुउद्देशीय कर्मचारी अध्यक्ष बॉबी सेन, बहुउद्देशीय महिला कर्मचारी अध्यक्ष मीरा ने कहा कि जलशक्ति विभाग में पैरा वर्कर वर्ष 2017, 2019, 2020, 2021 में रखे गए हैं और पंप ऑप्रेटर व फिटर आईटीआई डिप्लोमा होल्डर हैं।
उन्होंने कहा कि जल शक्क्ति विभाग पैरा वर्कर की पॉलिसी 8 वर्ष की बताई गई है जोकि इस महंगाई और उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए बहुत अधिक है, इसलिए इसे 5 वर्ष किया जाए और उन्हें स्थायी तौर पर नियमित किया जाए। जल शक्ति वभिाग के पैरा वर्करों में मल्टीपर्पस वर्करों को 4400 रुपए पैरा पंप ऑप्रेटर व पैरा फिटर को 6000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है, जिससे परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए मिनिमम वेजिज जल शक्ति विभाग के पैरा वर्करों के लिए लागू की जाए।
पैरा वर्करों की पॉलिसी 25 अगस्त, 2017 की अधिसूचना में बताया गया कि पैरा वर्करों को नियमित होने के उपरांत मल्टीपर्पस को 10 प्रतिशत कोटे के आधार पर बेलदार नियुक्त किया जाएगा तथा पैरा फिटर को भी 10 प्रतिशत कोटे के आधार पर फिटर व पैरा पंप ऑप्रेटर को 15 प्रतिशत कोटे के आधार पर पंप ऑप्रेटर बताया गया है लेकिन वे सरकार से मांग करते हैं कि सभी जल शक्ति विभाग के पैरा वर्करों को 100 प्रतिशत कोटा दिया जाए। पैरा वर्करों की तैनाती 6 घंटे के लिए हुई है लेकिन सभी पैरा वर्करों से 8 से 10 घंटे काम लिया जा रहा है। विभाग में न ही कोई अवकाश दिया जाता है। इसलिए पैरा वर्करों की तैनाती 8 घंटे की जाए तथा अवकाश का भी प्रावधान किया जाए।
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