Himachal: 217 पंचायतों में ₹62.10 लाख की हेराफेरी, सोशल ऑडिट में हुआ खुलासा

punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 11:33 AM (IST)

सोलन (नरेश पाल): हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत हुए कार्यों में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। जिले की 217 ग्राम पंचायतों में संपन्न हुए सोशल ऑडिट में कुल 62.10 लाख रुपए की कथित गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इन अनियमितताओं में 91,444 रुपए की सीधे तौर पर वित्तीय गड़बड़ी पाई गई है, जबकि 61.19 लाख रुपए की अनियमितता 'डेविएशन' (विचलन) से जुड़ी है।

क्या है मामला
जिला सोलन में कुल 240 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से 217 का सोशल ऑडिट पूरा कर लिया गया है। ऑडिट में सामने आया है कि अधिकतर मामले डेविएशन के हैं। इसका अर्थ है कि जहां काम स्वीकृत था, उसके स्थान पर किसी दूसरी जगह काम कर दिया गया या फिर निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी की गई है।

ब्लाॅक वाइज अनियमितता का ब्यौरा
►सोलन विकास खंड: यहां 37 में से 30 पंचायतों का ऑडिट हुआ, जिसमें सबसे अधिक 38.53 लाख रुपए की कथित अनियमितता पाई गई है।
धर्मपुर विकास खंड: 24 में से 23 पंचायतों की जांच में 150 मामले सामने आए। यहां 6856 रुपए की वित्तीय और 9.85 लाख रुपए की डेविएशन अनियमितता मिली है।
कंडाघाट विकास खंड: 26 में से 23 पंचायतों के ऑडिट में 59298 रुपए की वित्तीय और 6.04 लाख रुपए की डेविएशन गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।
►पट्टा विकास खंड: 25 में से 22 पंचायतों के ऑडिट में 3.20 लाख रुपए की अनियमितता सामने आई है।
कुनिहार विकास खंड: जिले के दूसरे सबसे बड़े ब्लॉक की 53 पंचायतों में 2800 रुपए की वित्तीय और 2.73 लाख रुपए की डेविएशन अनियमितता मिली।
नालागढ़ विकास खंड: जिले के सबसे बड़े ब्लॉक नालागढ़ में 66 पंचायतों के ऑडिट में 376 छोटे-मोटे मामले सामने आए। यहां 11380 रुपए की वित्तीय और 92355 रुपए की डेविएशन गड़बड़ी पाई गई।

क्या कहते हैं अधिकारी
एडीसी सोलन राहुल जैन ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोशल ऑडिट में जिन पंचायतों में अनियमितता मिली है, उनमें से अधिकांश मामले डेविएशन से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि इन मामलों को ग्राम सभा की बैठक में चर्चा के माध्यम से दूर किया जा सकता है। प्रशासन ने इस संबंध में सभी बीडीओ को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि ऑडिट में उठाए गए सवालों पर संबंधित ग्राम पंचायतों से जवाब तलब किया जाए।


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Vijay

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