पिता की प्रेरणा और पति का मिला सहयोग, 3 वर्ष में बनी गई अंतर्राष्ट्रीय धाविका

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 05:01 PM (IST)

नाहन: सिरमौर की एक बेटी ने बचपन में मिली पिता की प्रेरणा और विवाह के बाद पति के सहयोग से मात्र 3 साल की अवधि में अपने आप को अंतर्राष्ट्रीय धाविका के रूप में साबित कर दिया। यही नहीं, अपने बेटे व बेटी को भी मैराथन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। सीमा बचपन से ही हॉकी की भी बेहतर खिलाड़ी रही हैं। इसके अलावा एथलैटिक में भी कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शिरकत पूर्व में कर चुकी हैं। विवाह के करीब 10 साल बाद सीमा परमार ने मैराथन में किस्मत अजमाने का इरादा किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मैराथन में भाग लेने वाली सीमा परमार ने 2017 में पहली बार मैराथन में भाग लिया, उसके बाद फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
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30 मैराथन में भाग ले चुकी हैं सीमा

मात्र 3 साल की अवधि में सीमा ने कड़ी मेहनत की। रोजाना मैदान पर घंटों पसीना बहाया है। सीमा ने जापान, सिंगापुर व मलेशिया में आयोजित मैराथन में भाग लिया। 5 किलोमीटर मैराथन में कांस्य मैडल झटका। सीमा अभी तक देश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित 30 मैराथन में भाग ले चुकी हैं। मुंबई में आयोजित 5 हजार मीटर की राष्ट्रीय समता मैराथन में बाजी मारी। समता सोसायटी ने सीमा को राष्ट्रीय समता अवार्ड से सम्मानित किया। इसी बीच सीमा ने अपनी 12 साल की बेटी अर्शिता व 6 साल के बेटे समरवीर परमार को भी मैराथन के लिए प्रेरित किया। सोलन में आयोजित शूलनी मैराथन में अर्शिता व समरवीर ने अपने-अपने वर्ग की मैराथन में गोल्ड मैडल झटके। दोनों ने नैशनल किक बॉक्सिंग में भाग लिया।
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शादी से पहले पिता और शादी के बाद पति ने दिया पूरा सहयोग

सीमा ने पंजाब केसरी से बातचीत में बताया कि कि बचपन में जब वह स्कूल व कॉलेज में पढ़ती थीं तो तब उनके पिता लगन व अनुशासन के साथ मैदान में खेलने के लिए डटे होने को प्रेरित किया करते थे क्योंकि पापा खुद एक खिलाड़ी थे। पेशे से सरकारी स्कूल में प्रवक्ता सीमा कहती हैं कि विवाह के बाद मैराथन में उतरने के लिए उनके पति ने पूरा सहयोग दिया।
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सीमा की मां भी पीछे नहीं

सीमा के अनुसार पापा तो बचपन से ही खेलने के लिए प्रेरित करते थे लेकिन आज सीमा की 65 वर्षीय मां कुसुम परमार भी पीछे नहीं हैं। शॉर्टपुट व ज्वैलिन थ्रो में आयोजित मुकाबलों में उन्होंने गोवा, हैदराबाद व बेंगलुरु में भाग लिया। 65 वर्ष की आयु में आज भी कुसुम परमार शारीरिक रूप से मजबूत हैं और अपने बच्चों के लिए सबल बनी हुई हैं। सीमा ने बताया कि अभी तक वह 30 मैराथन व 3 अल्ट्रा मैराथन में भाग ले चुकी है।


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Vijay

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