अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला का अपमान, मंडी की मोनिका को इस वजह से नहीं देने दिया नर्सिंग का पेपर
punjabkesari.in Tuesday, Mar 08, 2022 - 06:51 PM (IST)
सोलन (नरेश पाल): जहां एक और आज पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। महिलाओं को संर्पूण सम्मान देने के कसीदे पढ़े जा रहे हैं, वहीं जिला सोलन में एक महिला का अपमान हुआ है। मंडी जिला की मोनिका ठाकुर सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर नर्स बनने की चाह में सोलन परीक्षा देने पहुंची लेकिन उसे परीक्षा ही नहीं देने दी गई। हुआ यूं कि जब मोनिका ठाकुर के दस्तावेज चैक किए जा रहे थे तो उनके आधार कार्ड में पूरी जन्मतिथि नहीं लिखी थी, बस इसी कारण उन्हें परीक्षा देने से वंचित रखा गया। इस महिला के पास एडमिट कार्ड था उसके बाद ऐसी हरकत की गई।
यह परीक्षा ऑनलाइन करवाई जा रही थी तो वहीं परीक्षा केन्द्र वालों ने उन्हें बाहर से आधार कार्ड निकालने के लिए कहा। यदि जन्मतिथि इतनी मायने रखती है तो वह एडमिट कार्ड क्या सफेद हाथी है जो परीक्षार्थियों को दिया गया था। यदि उसमें पूरी जन्मतिथि नहीं भी थी तो क्या वह परीक्षा के बाद नहीं लिया जा सकता था। ये वे प्रश्न हैं जो इस परीक्षा केन्द्र के संचालकों से लिए जाने थे लेकिन यहां के कर्ता-धर्ता ने हमारे संवाददाता के सवालों पर मुंह फेर लिया।
हमारे संवाददाता से बात करते हुए मोनिका ठाकुर ने बताया कि वह मंडी से परीक्षा देने सोलन आईं, उनके पास एडमिट कार्ड था वह परीक्षा केन्द्र पर करीब पौने 8 बजे पहुंचीं तो उन्हें यह कहा गया कि उनके आधार कार्ड में पूरी जन्मतिथि नहीं है व उन्हें बाहर से आधार कार्ड निकालने को कहा गया। मोनिका के अनुसार जब वह करीब 8 बजकर एक या दो मिनट पर परीक्षा केन्द्र पहुंचीं तो उन्हें परीक्षा केन्द्र में नहीं माना गया। उन्होंने कहा कि यह एक-दो मिनट की देरी उनके भविष्य को खराब कर सकती है। न जाने अब यह परीक्षा कब आएगी।
वहीं जब इस बारे परीक्षा करवाने वाले अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने मुंह फेर लिया व कोई जवाब न दिया जोकि दर्शाता है कि इस महिला के साथ गलत हुआ है। इन्होंने अपना पक्ष रखना चाहिए था जो उन्होंने नहीं रखा। वहीं डीसी सोलन कृतिका कुल्हारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है, इसकी पूरी जांच की जाएगी।
निश्चिततौर पर ऐसे महिला सम्मान के कसीदे पढ़ने का क्या लाभ जब एक परीक्षा केंद्र में कर्मचारी इस महिला की मदद करने की बजाय इसे गुमराह करते नजर आए। इन कर्मचारियों-अधिकारियों पर जांच होनी चाहिए ताकि आगामी समय में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके व किसी के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।
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