Inside Story: कंडा जेल में फ्री की नहीं, मेहनत की रोटी खाते हैं कैदी (Video)

punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 01:59 PM (IST)

शिमला (विकास): शिमला की कंडा जेल में बंद कैदी फ्री की नहीं, बल्कि मेहनत की रोटी खाते हैं। यहां कैदी हैंडलूम का काम करते हैं और अपने उत्पाद बेचकर पैसा कमाते हैं। हिमाचल देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां जेलों में बंद कैदियों को 2 शिफ्टों में रोजगार मिल रहा है। पहली शिफ्ट सुबह 8 से 2 बजे तक चलती है, जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक चलती है।
PunjabKesari

कैदियों को सरकार के नियमों के हिसाब से ही न्यूनतम वेतन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है। हैंडलूम में कैदी जैकेट, शॉल, कोट और कपड़ा तैयार करते हैं। जेलों में बंद ये कैदी कैदियों की वर्दी भी तैयार करते हैं। अस्पतालों के लिए भी जेलों में बंद कैदी कंबल तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की जेलों में कैदी जैकेट बनाने से लेकर स्कूल ड्रैस सिलने और कढ़ाई-बुनाई का काम कर आजीविका कमा रहे हैं। 
PunjabKesari

कैदियों के बनाए कंबल की सबसे ज्यादा डिमांड है। अस्पतालों के अलावा होमगार्ड और पुलिस डिपार्टमैंट भी हर साल हजारों कंबल खरीदते हैं। हिमाचल की जेलों में गऊशालाएं भी खोली गई हैं। कैदियों के लिए अब इन्हीं गऊशाला के माध्यम से दूध का इंतजाम भी किया जाता है। गऊशाला में कैदियों को रोजगार दिया गया है। 
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ekta

Related News