पंचायती राज चुनाव में अपना भाग्य अजमाने वाले 2000 के सपनों पर लगी चोट
punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 01:10 PM (IST)
धर्मशाला (जिनेश) : ग्रामीण संसद में अपना भाग्य अजमाने के कई शौकीनों के सपने उस वक्त धूमिल हो गए जब नामांकन भरने के दौरान वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं मिला। शनिवार को नामांकन भरने का अंतिम दिन होने के चलते जिला भर से ऐसे कई मामले सामने आए जिसमें उम्मीदवार नामांकन भरने तो पहुंचा लेकिन वोटर लिस्ट में अपना नाम न होने पर निराश हो गए। निराशा हाथ लगने पर ऐसे चाहवानों ने अपना नाम लिस्ट में ना होने पर पंचायती राज चुनावों को रद्द करने तक की मांग कर डाली। विभाग की मानें तो लोगों में जागरूकता नहीं होने के चलते ऐसी कई हजारों शिकायतें दूरभाष के जरिए विभाग के अधिकारियों को मिली है।
वोटर लिस्ट से नाम छूट जाने के लिए अधिकारियों की मानें तो विधानसभा व लोकसभा के चुनावों में जो भी नाम नए आते हैं उन नामों को चुनाव हो जाने के बाद पंचायती राज चुनावों की लिस्ट में स्थानांतरित कर दिया जाता है तथा उस दौरान यदि कोई नाम लिस्ट से छूट जाए या गलत दर्ज हो जाए तो उसके लिए बी.डी.ओ. के पास वोटर लिस्ट रिवाइज करने के लिए भेजी जाती है। यदि किसी व्यक्ति को उस दौरान कोई आपत्ति हो तो वह अपना नाम दोबारा दर्ज करवा सकता है या कुछ और खामी लिस्ट में हो तो उसे ठीक करवा सकता है। विभाग की मानें तो यदि बी.डी.ओ. के पास गई वोटर लिस्ट में भी अपना नाम दर्ज करवाने में व्यक्ति चूक गया हो तो नामांकन भरने से ठीक 9 दिन पहले तक डी.सी. के पास विशेष शक्ति होती है कि वह नामांकन से 9 दिन पहले व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करवा सकते है।
जिला में बने 10000 नए मतदाता
विभाग की मानें तो लोक सभा के चुनावों के बाद जिला कांगड़ा में लगभग 10 हजार नए मतदाताओं को विभाग द्वारा जोड़ा गया है तथा यह प्रक्रिया 24 दिसम्बर तक विभाग द्वारा चलाई गई थी ताकि कोई भी व्यक्ति वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा सकें। जिला कांगड़ा पंचायत अधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया कि लोगों में जागरूकता न होने के चलते ऐसे कई हजारों मामले हमारे सामने आए हैं जिसमें व्यक्ति अपना नामांकन भरने तो पहुंचा लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने के चलते व्यक्ति नामांकन भरने से चूक गया।