शहीद अनिल को 5 माह के बेटे ने दी अंतिम विदाई, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा गांव(Video)

punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2019 - 08:55 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा): वीरांगना पत्नी श्वेता की गोद में महज 5 माह के बेटे को छोड़कर 27 वर्षीय शहीद अनिल जसवाल पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद के 5 माह के बेटे वरुण ने शहीद के चचेरे भाई व अपने चाचा संदीप जसवाल की गोद में चढ़कर पिता की पार्थिव देह को घर पर नमन किया। मंजर देखकर हर कोई बिलख उठा। नन्हे मासूम ने जन्म के बाद पिता की गोद में चंद घंटों का ही वक्त बिताया होगा। उसे क्या मालूम कि उसके जन्म लेने के चंद महीने बाद ही पिता देश पर कुर्बान हो कर स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम इतिहास में दर्ज करवा लेंगे। करीब 2 साल पहले ही अनिल श्वेता से परिणय सूत्र में बंधे थे।
PunjabKesari, Martyr's Son Image

बेटे के साथ समय बिताने का किया था वायदा

शहीद अनिल ने 7 जून को ही घर से ड्यूटी पर वापसी की थी और घर से जाते समय वादा किया था कि जल्द ही दोबारा लौटकर अपने बेटे के साथ जमकर समय बिताएंगे लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। शहीद की वीरांगना पत्नी को बुधवार सुबह 9 बजे तक भी पति की शहादत की सूचना नहीं दी गई थी। शहीद का पार्थिव शरीर हैलीकॉप्टर के माध्यम से बुधवार सुबह चंडीगढ़ लाया गया।
PunjabKesari, Martyr's Wife Image

उसके बाद दोपहर करीब सवा एक बजे हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार मैहतपुर में पहुंचाया। इसके बाद डेढ़ बजे ऊना में डी.सी. संदीप कुमार व पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने शहीद को सलामी दी। करीब 45 किलोमीटर लंबे रास्ते में खुरवाई, थानाकलां, बंगाणा व लठियाणी में लोगों ने नारे लगाते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी। युवाओं ने गुस्सा जाहिर करते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
PunjabKesari

पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा आसमान

सवा तीन बजे शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा सरोग गांव पहुंचा। पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचते ही भारत माता की जय, शहीद अनिल जसवाल अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से आसमान गूंज उठा। सेना के जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर को गाड़ी से उतारा और शहीद के घर पहुंचाया। शहीद का पार्थिव शरीर देखकर पत्नी श्वेता, माता अनिता, पिता अशोक, बहन सपना बिलखते रहे।
PunjabKesari, Tribute Image

शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए हजारों लोगों का तांता लग गया। जैसे ही गांव के श्मशानघाट में शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो वहां मौजूद हजारों लोगों ने नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। सेना व पुलिस के जवानों ने शहीद को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया।
PunjabKesari, Guard Of Honor Image

शहीद के पिता सम्मान स्वरूप भेंट किया तिरंगा

श्मशानघाट में सेना के जवानों ने शहीद के पिता अशोक को सम्मान स्वरूप वह तिरंगा भेंट किया, जिसमें शहीद का शव लिपटा हुआ था। शहीद अनिल जसवाल के पिता अशोक खुद पूर्व सैनिक हैं। उन्होंने कहा कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है। अपने आंसूओं को बहादुरी के बावजूद वह छिपा नहीं पाए।
PunjabKesari, Martyr's Father Image

नम आंखों के साथ उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि वह आंतकवाद पर कड़ा प्रहार करे और सख्ती से निपटे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है  कि आंतकवाद के नासूर को कुचल दिया जाए ताकि कोई भी जवान शहीद न हो।
PunjabKesari, Martyr's Father Image
 

मां-बहन ने खून का बदला खून से लेने की कही बात

वहीं शहीद की माता अनीता और बहन सपना रो-रो कर खून का बदला खून से लेने की बात ही करती रहीं। बेटे के जाने के बाद जहां मां इस दु:ख को सह नहीं पा रही है वहीं बहन सपना भी अपने भाई को रोकर पुकारती रही और सरकार से अपने भाई के खून का बदला खून से लेने की मांग करती रही।
PunjabKesari, Martyr's Mother And Sister Image

शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान

प्रदेश सरकार की ओर से पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर शहीद की अंतिम विदाई में शामिल हुए। उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार को हिमाचल सरकार की ओर से 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के अलावा परिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी का ऐलान किया।
PunjabKesari, Minister Virendra Kanwar Image

जांबाज सैनिक था अनिल जसवाल : अभिनव शर्मा

शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे सेना के अधिकारी अभिनव शर्मा ने बताया कि अनिल जसवाल एक जांबाज सैनिक था। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिला में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अनिल को गोलियां लग गई थी जिसके बाद उन्हें जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन अनिल जसवाल शहीद हो गए।
PunjabKesari, Abhinav Sharma Image

जैक राइफल में सिपाही था अनिल

जैक रायफल का सिपाही था। वह अभी जनवरी में पिता बने थे और उनके घर बेटे का जन्म हुआ था। 6 साल पहले ही शहीद अनिल कुमार फौज में भर्ती हुए थे। इसके अलावा वह 2 सप्ताह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटा था।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ekta

Recommended News

Related News