हिमाचल सरकार के पाले में लटकी है बद्दी रेलवे लाइन भूमि अधिग्रहण योजना

punjabkesari.in Wednesday, Jul 26, 2017 - 04:11 PM (IST)

बद्दी: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना अभी तक प्रदेश सरकार के पाले में लटकी पड़ी है। रेल लाइन के लिए किसानों के साथ हुई नैगोसिएशन में तय चार गुणा रेट प्रदेश सरकार देने को तैयार नहीं है, ऐसे में बद्दी रेलवे लाइन प्रौजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी तक फाइलों में सफर कर रही है। विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए पूरी फाइल बनाकर राज्य सरकार को लगभग एक वर्ष पहले भेजी दी थी लेकिन अभी तक योजना प्रदेश सरकार के पास ठंठे बस्ते में पड़ी है। जबकि केंद्र सरकार से उक्त रेल लाइन ले लिए अपने हिस्से का पैसा जारी कर रखा है। 


यह रेलवे लाइन बनाने को कई वर्ष पहले केंद्र सरकार से मिली थी हरी झंडी
हिमाचल के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के लिए हरियाणा के चंडी मंदिर से होकर बद्दी तक लगभग 25 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाने को कई वर्ष पहले केंद्र सरकार से हरी झंडी मिली थी। इस रेल ट्रैक के लिए लगभग 18 किलोमीटर हरियाणा का हिस्सा व लगभग 7 किलोमीटर लाइन हिमाचल में बनाई जानी है। सरकार ने रेल लाइन योजना को सिरे लगाने के लिए केंद्र सरकार को भूमि अधिग्रहण के लिए आधा फंड देने के लिए समझौता किया था। हरियाणा सीमा के बाद बद्दी के लिए बनने वाले लगभग 7 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के लिए 9 गांवों की लगभग 345 बीघा 13 बीस्वा जमीन को हिमाचल सरकार ने आधे-आधे शेयर के हिसाब से अधिग्रहण करना है। 


इन 9 गांवों की होनी है जमीन अधिग्रहण
बद्दी रेल लाइन के कुल 345 बीघा 13 बिस्वा जमीन अधिग्रहण की जानी उसमें गांव सुराजमाजरा लबाना की 14 बीघा 19 बिस्वा, बद्दी-शीतलपुर की 69 बीघा 15 बिस्वा, कल्याणपुर की 54 बीघा 9 बिस्वा, चक्कजंगी की 39 बीघा 9 बिस्वा, लंडेवाल 18 बीघा 16 बिस्वा, बिलांवाली गुजरां की 57 बीघा 12 बिस्वा, हरीपुर संडोली की 63 बीघा 1 बिस्वा, संडोली की 21 बीघा 6 बिस्वा, केंदुवाल मौजा की 6 बिस्वा जमीन अधिग्रहण की जानी है।


किसानों को चार गुणा मुआवाजा प्रदान करने की भेजी है फाइल
बद्दी रेल लाइन के लिए किसानों को मौजूदा औसत कीमत से चार गुणा मुआवजा प्रदान करने की फाइल विभाग ने प्रदेश सरकार को भेज रखी है। विभाग ने गांव सुराजमाजरा, कल्याणपुर, लंडेवाल, हरीपुर संडोली, संडोली की औसत वैल्यू 21 लाख रुपए, बद्दी शीतलपुर की 34 लाख 80 हजार रुपए, चक्कजंगी की 27 लाख रुपए, बिलांवाली की 28 लाख 80 हजार रुपए व केंदुवाल की 18 लाख रुपए औसतन कीमत निर्धारित की थी जिसके चार गुणा के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाना है। किसानों के साथ नैगोशिएशन बैठक में प्रशासन ने उक्त सर्कल रेट तय किए थे। किसानों ने उक्त सर्कल रेट के हिसाब से चार गुणा मुआवजा देने की बात रखी थी जिसकी पूरी फाइल बनाकर भू-अर्जन टीम ने प्रदेश सरकार को भेज दी है।


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