हिमाचल सरकार ने CBI को सौंपी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच

Tuesday, Dec 18, 2018 - 10:22 AM (IST)

शिमला (राक्टा): राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) को सौंप दी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सोमवार को यह मामला गृह विभाग ने सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिया है, ऐसे में अब सी.बी.आई. जल्द ही मामला दर्ज कर छानबीन शुरू करेगी। सूत्रों के अनुसार सोमवार को इसी कड़ी में सचिवालय में बैठक हुई। इसमें गृह विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी सदन में यह मामला गूंजा था। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 3 दिन में केस सी.बी.आई. को भेजने की बात कही थी। मामले की प्रारंभिक जांच के तहत पुलिस ने कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। सी.बी.आई. को पहले भी जांच के लिए यह मामला भेजा गया था लेकिन जांच एजैंसी ने विभिन्न पहलुओं को हवाला देते हुए मामला वापस भेज दिया था। 

स्कॉलरशिप घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी इसमें शामिल हैं। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। साल 2013-14 से लेकर साल 2016-17 तक किसी भी स्तर पर छात्रवृत्ति योजनाओं की मॉनीटरिंग नहीं हुई। जांच रिपोर्ट के अनुसार 80 फीसदी छात्रवृत्ति का बजट सिर्फ निजी संस्थानों में बांटा गया जबकि सरकारी संस्थानों को छात्रवृत्ति के बजट का मात्र 20 फीसदी हिस्सा मिला। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुुंडू ने संपर्क करने पर मामला सी.बी.आई. को सौंपे जाने की पुष्टि की है। छात्रवृत्ति घोटाले में कई बड़े नामी निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। इनमें प्रदेश से ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर के शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार सूबे के 26 से अधिक निजी शिक्षण संस्थान जांच दायरे में आ सकते हैं।

विभागीय जांच में खुलीं परतें

सूत्रोंके अनुसार विभागीय जांच में सामने आया है कि बीते 4 साल में 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19,915 को 4 मोबाइल फोन नंबर से जुड़े बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि जारी कर दी गई। इसी तरह 360 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति 4 ही बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। 5,729 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने में तो आधार नंबर का प्रयोग ही नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति आबंटन में निजी शिक्षण संस्थानों ने सभी नियमों को ताक पर रखा।

सी.एम. ने की थी जांच की घोषणा

छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने इसकी सी.बी.आई. जांच करवानेकी बात कही थी। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई राशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है, ऐसे में मामले के दायरे को देखते हुए इसकी सी.बी.आई. जांच करवाने का निर्णय लिया गया।
 

Ekta