हिमाचल सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस, पढ़ें क्या है मामला

Monday, Apr 08, 2019 - 11:30 PM (IST)

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानी की विवाहित पोती को वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर प्रमाण पत्र जारी न करने को लेकर दायर याचिका में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने प्रार्थी मीनाक्षी द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात सरकार को 3 सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के आदेश दिए।

प्रार्थी मीनाक्षी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेशानुसार वह भी वार्ड ऑफ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित पदों के लिए पात्रता रखती है। इसी पात्रता के मद्देनजर उसने टी.जी.टी. आर्ट्स के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था। जब उसने एस.डी.एम. नादौन से फ्रीडम फाइटर के वार्ड के रूप में जरूरी प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया तो उन्होंने यह प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार कर दिया। प्रमाण पत्र जारी न करने का कारण बताते हुए सरकार की ओर से प्रार्थी को बताया गया था कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

बता दें कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि सरकार इस तरह का आरक्षण देते समय लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती। सरकार की नीति के अनुसार प्रावधान था कि फ्रीडम फाइटर के विवाहित पुरुष 2 फीसदी आरक्षण के लिए पात्र हैं जबकि यह पात्रता महिलाओं के लिए नहीं थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इसे भेदभावपूर्ण ठहराते हुए विवाहित महिलाओं को भी उक्त आरक्षण के लिए पात्र माना है।

प्रार्थी के अनुसार हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का कोई स्थगन आदेश जारी नहीं हुआ है। अत: केवल मामला सुप्रीम कोर्ट में दायर करने के आधार पर उसे हाईकोर्ट के फैसले के तहत जरूरी सर्टीफिकेट जारी होने से नहीं रोका जा सकता। मामले पर सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

Vijay