खराब कार्टिलेज ठीक करेंगी जड़ी-बूटियां, नी-रिप्लेसमैंट से मिलेगी राहत

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2019 - 11:13 AM (IST)

पालमपुर (भृगु) : घुटनों की परेशानी से जूझ रहे हैं तो हिमालय की जड़ी-बूटियां आपको राहत देने जा रही हैं। यहां तक कि नी-रिप्लेसमैंट से भी छुटकारा मिलेगा। जोड़ों की मध्य पाए जाने वाली कार्टिलेज को सुरक्षित रखने के लिए कुछ वनस्पतियों का मिश्रण कार्टिलेज  को लंबे समय तक स्वस्थ व सुरक्षित रखेगा। वैज्ञानिकों को इन वनस्पतियों से दवा तैयार करने में सफलता मिली है। विश्वभर में कार्टिलेज  खराब होने पर उसे री-जनरेट करने की अवधि तक कोई दवा नहीं है।

 ऐसे में वैज्ञानिकों की यह सफलता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने यह दवा तैयार की है। इस दवा के एनिमल ट्रायल पूरी तरह से सटीक उतरे हैं। अब मानव पर यह ट्रायल किए जाने की प्रक्रिया आरंभ की जा रही है। वैज्ञानिकों ने प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित इन पौधों का वैज्ञानिक आधार पर विशेषण किया तथा पाया कि इसके विशेष भाग कार्टिलेज पर प्रभावी हैं। ऐसे में इन पौधों के एक्स्टै्रक्ट के विशेष भाग को चिहिन्त कर उनके कंपोनैंट का मानकीकरण किया गया है। यह सभी पौध आसानी से उपलब्ध हैं। पेटैंट प्रक्रिया जारी रहने के कारण अभी इन पौधों के नाम को सार्वजनिक नहीं किया गया है। 

क्यों आती है समस्या

वर्तमान में 100 में से 60 लोग कार्टिलेज डी-जनरेशन की समस्या से जूझ रहे हैं जिस कारण घुटनों में दर्द प्रमुख लक्षण उभरता है। मुख्यत: यह रोग आयु के साथ आता है तथा 45 वर्ष की आयु के पश्चात कार्टिलेज  खराब होना आरंभ हो जाती है वहीं अन्य कारणों में उचित डाइट का न होना, कम चलना-फिरना व एक्सीडैंट से चोट भी प्रमुख कारण माने जाते हैं। 

क्या है कार्टिलेज 

शरीर में ऊतकों के समूह को कार्टिलेज कहते हैं। यह हमारी मज्जा में स्थापित कॉन्ड्रोसाइट्स कोशिकाओं से बने होते हैं। कार्टिलेज  की संरचना के अनुसार ये कोलेजन या फिर एलॉस्टिन के बने होते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं। हाइलीन कार्टिलेज , एलास्टिक और फाइब्रो कार्टिलेज। कार्टिलेज  शरीर के ऊतकों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। ये हमारे शरीर के जोड़ों को लचीला भी बनाते हैं। इसकी मौजूदगी की वजह से ही हमारे शरीर के कई अंग सुचारू काम करते हैं। 


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Edited By

Simpy Khanna

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