MC Solan : आम सभा में पार्षदों के पतियों को लेकर हंगामा, मेयर व महिला पार्षदों के बीच तीखी नोक-झोंक

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 10:25 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): पार्षदों के पतियों को लेकर नगर निगम की मेयर व कांग्रेस की 3 महिला पार्षदों के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि मेयर ने तीनों पार्षदों को निलंबित कर बैठक से बाहर जाने का फरमान सुना दिया। तीनों पार्षदों ने मेयर की इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। जानकारी के अनुसार नगर निगम की बुधवार को आम सभा थी। निगम के आला अधिकारियों को पहले ही बैठक में हंगामा होने का अंदेशा था। यही वजह थी कि इस बार बैठक की कवरेज करने पर मीडिया पर रोक लगाई हुई थी। अभी बैठक की कार्रवाई शुरू भी नहीं हुई थी कि भाजपा पार्षदों के साथ कांग्रेस की तीनों पार्षदों की मीडिया पर रोक लगाने पर मेयर व डिप्टी मेयर के साथ बहस हो गई। 
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मेयर ने निलंबित की तीनों पार्षद
जब यह मामला शांत हुआ तो वार्ड नम्बर-7 की कांग्रेस पार्षद पूजा, वार्ड नम्बर-4 की पार्षद संगीता व वार्ड नम्बर-10 की पार्षद ईशा पराशर ने महिला पार्षदों के पतियों को लेकर नगर निगम द्वारा जारी किए गए फरमान को लेकर मेयर व डिप्टी से जवाबतलबी शुरू कर दी। इस मामले में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई। भाजपा पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया। देखते-देखते ही बैठक में हंगामा शुरू हो गया। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मेयर पूनम ग्रोवर ने हंगामे के बीच दो टूक कहा कि बैठक की कार्रवाई तभी शुरू होगी जब ये तीनों पार्षद बैठक से बाहर जाएंगी। इसको लेकर भाजपा के पार्षदों ने विरोध भी किया लेकिन उन्होंने कहा कि वह इन पार्षदों को बैठक से निलम्बित कर रही हैं, जिसकी उनके पास पावर है। इसलिए उन्हें बाहर जाना होगा।
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कांग्रेस पार्षदों ने राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से व्यवहार करने का लगाया आरोप
कांग्रेस पार्षदों का आरोप था कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उनके साथ व्यवहार किया जा रहा है। इसी का ही परिणाम है कि उनके वार्डों के विकास के लिए 20-20 लाख रुपए का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है। करीब 20 मिनट तक यह हंगामा चलता रहा। विदित रहे कि नगर निगम ने कुछ समय पहले पार्षद पतियों पर निगम के कामकाज में दखल पर रोक लगा दी थी। उस समय इस कार्रवाई को भाजपा के 7 पार्षदों के साथ मिलकर कांग्रेस के 4 पार्षदों द्वारा अक्तूबर माह में अपने ही मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से जोड़कर देखा जा रहा था। इस फरमान के बाद नगर निगम की बैठक हुई थी जिसमें कांग्रेस के चारों पार्षद नदारद रहे थे। इस कारण निगम ने इन पार्षदों को विकास कार्यों के लिए बजट जारी नहीं किया था। 

पहले बैठक से वाॅकआऊट करने लगी थीं तीनों पार्षद 
नगर निगम की बैठक में हुए हंगामे के बीच कांग्रेस की तीनों पार्षद वाॅकआऊट करने लगी थीं। इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ पार्षद कुलभूषण गुप्ता ने बीच-बचाव करते हुए उन्हें कुर्सी पर फिर से बैठा दिया लेकिन इसी बीच फिर से दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। वार्ड नम्बर-1 के निर्दलीय पार्षद मनीष कुमार ने भी दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी।  

मेयर की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या : ईशा 
कांग्रेस की पार्षद ईशा पराशर ने मेयर की इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने अपने वार्ड को विकास कार्यों के लिए 20 लाख रुपए जारी न करने का मामला उठाया था। वार्ड के हित की बात उठाने पर निलंबन की कार्रवाई करना सरासर गलत है। 

क्या सवाल पूछना गलत है : पूजा 
कांग्रेस की पार्षद पूजा ने कहा कि क्या पति पार्षद पर सवाल पूछना नियमों के खिलाफ है। जिस पति का निगम के कामकाज में दखल है उनके खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह सवाल करने पर उन्हें निलंबित कर दिया। राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से निगम में काम किया जा रहा है जिसका वह विरोध करती हैं।

हमारी आवाज को दबाया जा रहा : संगीता 
कांग्रेस की पार्षद संगीता ठाकुर ने आरोप लगाया कि नगर निगम की बैठक में उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। उनसे सवाल नहीं पूछने दिया जा रहा है। जब वह सवाल पूछने के लिए अड़ी रहीं तो बैठक से निलंबित कर दिया। उन्होंने इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया। 

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Content Writer

Vijay

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