Chamba: स्क्रब टायफस से मां-बेटे की मौ/त के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, रैपिड रिस्पाॅन्स टीमें की तैनात

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2024 - 05:01 PM (IST)

चम्बा (काकू): चम्बा जिले के किहार क्षेत्र के भांदल में स्क्रब टायफस से मां-बेटे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विभाग द्वारा पूरे क्षेत्र में रैपिड रिस्पाॅन्स टीमें तैनात कर दी गईं हैं। ये टीमें गांव-गांव में जाकर स्क्रीनिंग कर रही हैं। इसके अलावा गांव में कीटनाशक स्प्रै की जा रही है और संदिग्ध मरीजों को दवाइयां वितरित की जा रही हैं। बीएमओ किहार को गांव स्तर तक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं। बीते वीरवार को एक टीम इस इलाके के लिए रवाना हो चुकी है, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञ के साथ-साथ फार्मेसी और लैब से जुड़े अधिकारी भी मौजूद हैं जोकि सैंपल लेकर दवाइयां भी वितरित करेंगे। 

संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है रोग
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जेएस भारद्वाज नें बताया कि स्क्रब टायफस की जानकारी रखना भी जरूरी है। यह आमतौर पर बरसात के मौसम में ही देखा जाता है। उन्होंने कहा कि बरसात में तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। यह बुखार स्क्रब टायफस भी हो सकता है। यह रोग एक जीवाणु विशेष (रिक्टशिया) से संक्रमित पिस्सू (माईट) के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टायफस बुखार पैदा करता है। गौर रहे कि करीब 5 दिन पहले भांदल में स्क्रब टायफस के कारण मां-बेटे की मौत हो गई थी। जांच में दोनों की स्क्रब टायफस रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद विभाग ने पूरे क्षेत्र में स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।

ये हैं बीमारी के लक्षण
स्क्रब टायफस होने पर तेज बुखार आता है। यह बुखार 104 से 105 डिग्री तक जा सकता है। इस बुखार को लोग जोड़-तोड़ बुखार भी कहते हैं। यह रोग एक आदमी से दूसरे आदमी को नहीं फैलता। इसके अलावा जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार आना, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना भी स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। इसी तरह अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होना भी स्क्रब टायफस ही है।

ऐसे करें बचाव
इस रोग की रोकथाम बड़ी आसानी से की जा सकती है। लोग शरीर की सफाई का ध्यान रखें घर तथा आसपास के वातावरण को साफ रखें, घर के चारों ओर घास, खरपतवार नहीं उगनें दें, घर के अंदर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। लक्षण आने पर या तेज बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। बुखार कैसा भी हो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। खेतों व झाड़ियों में काम करते समय पूरा शरीर (खासकर टांगें, पांव और बाजू) ढककर रखें, जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही घर के इर्द-गिर्द कीटनाशक का स्प्रै भी सुनिश्चित करें।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News