रक्कड़ में स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर हाईकोर्ट सख्त, केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी

punjabkesari.in Friday, Jan 15, 2021 - 10:24 PM (IST)

ज्वालामुखी (जोशी): दशकों से मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित जिला कांगड़ा के रक्कड़ तहसील मुख्यालय में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने को लेकर दायर की गई याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में उत्तर देने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विनोद चौहान ने बताया कि सिविल याचिका नम्बर 356/2021 देशबंधु बनाम भारत सरकार व अन्य की सुनवाई करते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति त्रिलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रावल दुआ की खंडपीठ ने भारत सरकार व राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर उत्तर दायर करने के आदेश दिए हैं, जिसे केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता वीबी वर्मा व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अशोक शर्मा व अतिरिक्त महाधिवक्ता विनोद ठाकुर ने नोटिस स्वीकार किया है।

याचिका में कहा गया है कि तहसील मुख्यालय रक्कड़ व इसके आसपास की करीब दस पंचायतों के लोग आज भी स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं से जूझ रहे हैं क्योंकि लगभग 35 वर्ष पूर्व रक्कड़ में खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को गत कांगे्रस शासनकाल में हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया गया था, लेकिन उच्च स्तर की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गईं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं न होने के परिणामस्वरूप रक्कड़ सहित कटोह, भरोली, चप्लाह, चौली, कलोहा व सरड़-डोगरी पंचायत के लोगों को अतिरिक्त सफर तय कर मजबूरन देहरा, अम्ब अथवा नादौन जाना पड़ता है और 3 बजे के उपरांत केंद्र में कोई स्वास्थ्य सुविधा लोगों को नहीं मिल पाती है। यहां तक कि एक भी एम्बुलैंस स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध नहीं है।

याचिका में कहा गया है कि अगर तहसील मुख्यालय पर स्वास्थ्य सुविधाओं का यह हाल है तो दूरदराज के क्षेत्रों की स्थिति की कल्पना करना मुश्किल नहीं है। भारत के संविधान के अनुसार माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी जीने के अधिकार के विभिन्न फैसलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने को सरकार की प्राथमिकता होना बताया है। क्षेत्र के लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार के साथ लम्बी लड़ाई लडऩे पर भी कोई सुधार न होने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जिसका संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने उक्त आदेश जारी कर केंद्र व राज्य सरकार को 6 सप्ताह में उत्तर दायर करने का आदेश दिया है।


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Vijay

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