2 साल से खड़ी स्कूल बसों का टैक्स माफ करे सरकार
punjabkesari.in Monday, Oct 11, 2021 - 11:38 AM (IST)
फतेहपुर (स.ह.) : हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल मालिकों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। जिला कांगड़ा के निजी स्कूलों के मालिकों ने बैठक की और स्कूलों में आ रही समस्याओं बारे चर्चा की। स्कूल मालिकों का कहना है कि सरकार ने स्कूलों को लूट का साधन बना रखा है। 2 साल से स्कूल की बसें खड़ी हैं। अब सरकार स्कूल खोलने जा रही है तो बसें भी चलेंगी, लेकिन बसें चलाने से पहले सरकार को टैक्स देने की बात आ रही है। उसमें 2 साल का भी टैक्स लेने की बात की जा रही है, जबकि 2 साल सरकार के आदेशों के अनुसार बसें खड़ी रहीं। एसोसिएशन के अध्यक्ष जसवंत डडवाल व उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया का कहना है कि सरकार से कई बार इस मुद्दे को लेकर बात की गई, लेकिन सरकार से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। अगर अब स्कूल संचालक स्कूल खुलने पर अपनी एक बस को चलाने की सोचता है तो उसके ऊपर पासिंग, सभी प्रकार के टैक्स, इन्श्योरैंस व गाड़ी को अनुरक्षण आदि के ऊपर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए खर्च करेगा, जोकि मुश्किल ही नहीं असंभव भी है।
स्कूल संचालकों ने इस संबंध में कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल शिक्षा बोर्ड की किताबें हम पर थोप रही है और इसी के अनुसार पढ़ाई करवाने की बात कही जा रही है, जबकि स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस स्कूल के बच्चे 3 माह में पूरा कर लेते हैं फिर पूरा साल बच्चों को क्या पढ़ाई करवाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती और सरकार आम आदमी के बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ रहे हैं उनकी शिक्षा को सीमित करना चाहती है। शिक्षा बोर्ड द्वारा कक्षा नवमीं से 12वीं तक के 2 टर्म वाली परीक्षा पर भी निजी स्कूल संचालकों ने विरोध किया व सरकार से इसे अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने की बात कही। इस मौके पर मुख्य सलाहकार नरेंद्र मनकोटिया, फिनजा कोषाध्यक्ष अजय पठानिया, संयुक्त सचिव संदीप पराशर, सचिव मलकीयत सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।