केंद्रीय सरकार देश में फार्मा केमिकल मेगा पार्क स्थापित करने के कार्य को तेज करे : सुमित सिंगला

punjabkesari.in Thursday, Oct 07, 2021 - 03:36 PM (IST)

सोलन : फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के हिमाचल प्रदेश यूनिट के वाईस प्रेजिडेंट व क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला ने केंद्रीय सरकार से मांग की कि देश के फार्मा उद्योग को विश्व स्तर पर ले जाने हेतु देश में आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व  गुजरात में  बनने वाले फार्मा रॉ-मेटेरियल मेगा पार्कों के निर्माण कार्य में तेजी लाये और इसके लिए आवश्यक पैकेज की तुरंत घोषणा करे। सिंगला ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान देश में दवाओं के निर्माण में देश की दवा इंडस्ट्री ने दिन रात कार्य किया। देश भर के 11 हजार फार्मा उद्योग स्थापित हैं, जिनमें से 3 हजार उद्योग सरकार की अनदेखा करने की नीतियों के चलते बंद हो गए या होने की कगार पर हैं। 

उन्होंने कहा कि जब चीन के वुहान में कोविड महामारी के चलते फार्मा में प्रयुक्त होने वाले केमिकल्स की सप्लाई काफी समय तक प्रभावित हुई थी तब भी देश में फार्मा के कच्चे माल के रेटों में इतनी वृद्धि नहीं हुई थी जितनी मौजूदा समय में हो चुकी है। पैरासिटामोल जोकि साधारण तौर पर 250 रुपए प्रति किलो मिलता था, का रेट 850-900 रुपए प्रति किलो हो चुका है जोकि कोविड काल से भी अधिक है, इसी प्रकार अन्य एक्ससिपिएंट्स के रेट्स में भी बेतहाशा वृद्धि हो चुकी है। दवाओं के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पीवीपीके-30 का मूल्य 350 से बढ़कर 1000 रुपए किलो, ग्लिसरीन का मूल्य 65 रुपए से बढ़कर 250 रुपए, क्लोराजोक्साजोन केमिकल का रेट 750 रुपए से बढ़कर 950 रुपए व एसिक्लोफेनिक का रेट भी 850 रुपए से बढ़कर 1150 रुपए  जा पहुंचा है। सिंगला ने कहा कि जिन फार्मा उद्योगपतियों ने पुराने रेट पर आर्डर बुक किये हुए हैं उनको सरकारी आर्डर व निजी कंपनियों के आर्डर, बड़े हुए कच्चे माल के रेट पर सप्लाई करने में भरी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में केंद्रीय सरकार को हस्तक्षेप कर देश के फार्मा उद्योग को बचाने हेतु तुरंत एक्शन लेने की मांग की।  सिंगला ने कहा कि देश में फार्मा के कच्चे माल के ट्रेडर्स पुराने रेट पर दिए हुए आर्डर को भी जानबूझ कर पूरा नहीं कर रहे ताकि माल के बड़े हुए रेट उद्योगपतिओं से ऐंठे जा सकें, जिससे साफ होता है कि देश में कच्चे माल की कालाबाजारी के मंशे से ही माल को रोका हुआ है। 

एफआइआई हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष सिंगला ने देश भर के फार्मा उद्योगपतियों को भी अपील की कि वह इस मुश्किल घड़ी में एकजुट होकर केंद्रीय सरकार पर दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान चीन से आने वाले कच्चे माल की भरी दिक्कत हुयी थी परन्तु आज के समय में कच्चे माल जिसमें दवाओं में प्रयुक्त होने वाला पैरा (ए पी आई ) एल्युमीनियम फॉयल, गत्ता व प्लास्टिक पीवीसी शामिल हैं के रेट बढ़ने के पीछे स्थानीय ट्रेडर्स की कला बाजारी व स्टॉक रोकना देश भर में दवा उद्योग की तबाही का कारण बनता जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय से मांग की कि देश में दवाओं में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल के रेट पर कण्ट्रोल करने हेतु ड्रग विभाग को आवश्यक आदेश करे और पैरा जैसे आवश्यक केमिकल की काला बाजारी करने में लगे लोगों पर कड़ी करवाई करे ताकि दवाओं जनता को कण्ट्रोल रेट्स पर प्रचुर मात्रा में मिलती रहे। सिंगला ने देश भर के फार्मा उद्योगपतियों को अपील की कि मौजूदा हालातों में फार्मा उद्योग को बचाने हेतु एकजुट होकर सरकार के समक्ष अपनी समस्याओं को प्रभावी ढंग से रखें और केंद्रीय साकार से देश के फार्मा उद्योग हेतु विशेष आर्थिक पैकेज की मांग रखें। उन्होंने कहा कि देश का फार्मा उद्योग आज भी चीन पर निर्भर है। उन्होंने केंद्रीय सरकार को अपील की कि वह फार्मा उद्योग को राहत देने हेतु उद्योग पर लगने वाली जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत करे ताकि माल खरीदने और बेचने के दौरान आने वाले फर्क को समाप्त कर अनावश्यक कार्य को कम किया जा सके।
 


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Content Writer

prashant sharma

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