ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के लिए उल्टी गिनती शुरू होते ही सरकारी विभागों के उड़े होश

punjabkesari.in Saturday, Nov 02, 2019 - 12:14 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के लिए उल्टी गिनती शुरू होते ही सरकारी स्तर पर हलचल तेज हो गई है। इस आयोजन के लिए हायर की गई एक कंपनी की तरफ से किराए पर उपलब्ध करवाए जाने वाली सामान की कीमत को देखकर कुछ सरकारी विभागों के होश उड़ गए हैं और उन्होंने इससे पल्ला झाड़ने की भी बात कही है। हैरानी इस बात की है कि जितना किराया कंपनी 1 और 2 दिन का वसूल रही है, उससे किराए के दाम पर नए सामान की खरीद हो सकती है। जानकारी के अनुसार कंपनी की तरफ से किराए पर दिए जाने वाले सामान की जो फेहरिस्त उपलब्ध करवाई गई है, उसमें 50 इंच के एल.ई.डी. के 2 दिन का किराया ही करीब 12,500 रुपए बताया गया है। इसी तरह से 2 दिन के लिए सोफा 8,500 रुपए में उपलब्ध हो सकेगा। डिजाइन के अनुसार पेंट फिनिश सहित अन्य तरह के प्रचार तंत्र पर 1,25,000 रुपए से 1,35,000 रुपए वसूले जाने हैं।

हालांकि इसके लिए डिजाइन संबंधित विभाग की तरफ से सुझाया जाएगा। स्वां तट्टीकरण और जल जीवन मिशन के लिए 1 दिन का प्रचार करने के लिए क्रमश: 4,500 रुपए लिए जाने की बात कही गई थी। सूत्रों के अनुसार इस कंपनी को उद्योग विभाग की तरफ से हायर किया गया था। कंपनी की तरफ से कट आऊट और बड़े पोस्टर/होॄडग के लिए भी सेवाएं ली जा सकती थीं। ऐसे 25 तरह के सामान के किराया करीब 16,32,950 रुपए बनता है। इसमें यदि 18 फीसदी जी.एस.टी. जोड़ा जाए तो इसमें 2,93,931 रुपए अतिरिक्त वसूले जाएंगे। इस तरह किराया राशि व जी.एस.टी. को जोड़कर यह राशि 19,26,881 रुपए बनती है, ऐसे में यदि 46 विभाग इनकी सेवाएं लेते, तो हायर कंपनी को करोड़ रुपए चुकाने पड़ेंगे। विभागों की आपत्ति के बाद सरकार ने भी अपने स्तर पर सामान किराए पर या खरीदने दोनों तरह के विकल्प को खुला रखा है।

उल्लेखनीय है कि सरकारी स्तर पर ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के लिए नैशनल पार्टनर सी.आई.आई., मीडिया भागीदार-स्कवेयर कॉ यूनिकेशन, नॉलेज पार्टनर-ईवाई और इवैंट पार्टनर-आई.सी.ई. की सेवाएं लेने की बात कही गई है, जिनके प्रतिनिधियों के साथ बैठकें भी हो चुकी है। आयोजन स्थल पर करीब 50 स्टाल लगाए जाने हैं, जिसमें से कुछ प्रमुख विभागों को 2 से अधिक स्टाल लगाने की अनुमति दी गई है। धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के अलावा गग्गल, धर्मशाला और कांगड़ा में वैश्विक निवेशक सम्मेलन संबंधी 150 होॄडग स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ऊना-धर्मशाला, पठानकोट-धर्मशाला और शिमला-धर्मशाला राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर भी विज्ञापन पट्ट लगाए जाएंगे।

कुछ अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के बाद कुछ अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है। सूत्रों के अनुसार कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के कामकाज से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इससे संतुष्ट नहीं हैं। इनमें से कुछ को अहम दायित्व भी सौंपा गया है। इसमें से कुछ तो सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरे हैं, जबकि कई का रवैया अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है, ऐसे कुछ अधिकारियों पर सोशल मीडिया में भी खूब कटाक्ष किया जा रहा है।

ग्वालियर से लौटने पर मुख्यमंत्री करेंगे स्थिति की समीक्षा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ग्वालियर से लौटने पर स्थिति की समीक्षा करेंगे। यहां तक कि धर्मशाला रवाना होने से पहले वह पत्रकारों से बातचीत कर सकते हैं। इस दौरान वह धर्मशाला में 7 और 8 नवम्बर को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के बारे में विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध करवा सकते हैं। प्रदेश सरकार ने अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे 81,319 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है।

 


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kirti

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