7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू न करने पर प्राध्यापकों में आक्रोश, चम्बा कालेज में की गेट मीटिंग

punjabkesari.in Thursday, Feb 17, 2022 - 04:35 PM (IST)

चम्बा (नीलम): विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने के लिए हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक एसोसिएशन इकाई चम्बा ने बुधवार को गेट मीटिंग का आयोजन किया। गेट मीटिंग के माध्यम से उन्होंने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू न करने के कारण रोष व्यक्त किया है। इस मौके पर उन्होंने सदर विधायक चम्बा पवन नैय्यर व कालेज प्राचार्य के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन के माध्यम से हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक एसोसिएशन इकाई चम्बा के महासचिव डा. महेंद्र सलारिया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्य को छोड़कर पूरे देश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में यू.जी.सी. के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है और अभी हाल में हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों को नए वेतनमान के अनुसार वेतन व भत्ते दिए है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के कालेज व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सिफारिशों के आधार पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि सरकार से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान आयोग की सिफारिशों को अविलंब लागू करने की मांग की गई है। हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक  एसोसिएशन स्थानीय ईकाई चम्बा के अध्यक्ष परविंद्र कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 7वें पे कमिशन को अविलंब लागू करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों ने संयुक्त मोर्चा बनाया है। संयुक्त मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल यू.जी.सी. 7वें पे कमिशन को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार अभिलंब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करें। पंजाब राज्य में चुनाव के कारण कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के कारण  विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों को यू.जी.सी. के सातवें पे कमिशन को लागू नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों  एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के  सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अभिलंब लागू कर सकता है। 

महासचिव मोङ्क्षहद्र सलारिया ने कहा कि  विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की नियुक्ति व पदोन्नति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों पर की जाती है। पूरे देशभर के विश्वविद्यालय महाविद्यालयों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम लागू होते हैं। उन्होंने  कहा कि वर्ष 2014 के बाद  महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की एम.फिल व पी.एच.डी. की इंक्रीमेंट बंद कर दी गई है। एक ही विभाग मे कुछ प्रोफैसरों को एम.फिल व पी.एच.डी. की इंक्रीमेंट दी जाती है।  वर्ष 2014 के बाद एम.फिल और पी.एच.डी. धारक प्रोफैसरों की एम.फिल व पी.एच.डी. की इंक्रीमेंट बंद कर दी गई है। हिमाचल राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक एसोसिएशन एम.फिल व पी.एच.डी. की इंक्रीमेंट को बहाल करने की सरकार से मांग करती है।

उन्होंने कहा कि एम.फिल व पी.एच.डी. की इंक्रीमेंट बंद करने से देश के अनुसंधान और शोध कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्राध्यापक वर्ग ने महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर सरकार से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अभिलंब लागू करने की मांग की है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफैसर राकेश राठोर, डा. विजय नाग, डा. ज्योतिंदरा ठाकुर, डा. विजय नाग, डा. हेमंत, डा. मनीष, डा. पूनम, प्रोफैसर सुमित, प्रोफैसर पूर्णिमा, डा. जयश्री, डा. चमन, डा. सुरेंद्र, प्रोफैसर उपेंद्र गुप्ता, प्रोफैसर परिणीता, प्रोफैसर केहर सिंह, प्रोफैसर अविनाश, डा. संतोष, प्रोफैसर संजीव, डा. सुनील, डा. आशीष, प्रोफैसर विदूषी, प्रोफैसर निशा, प्रोफैसर शिवानी, प्रोफैसर विजय कुमार सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक वर्ग ने  भाग लिया।

 


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Content Writer

Kaku Chauhan

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