AIIMS बिलासपुर में अभी शुरू नहीं हुई गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी OPD, मरीजों को दिल्ली किया जा रहा रैफर
punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 03:47 PM (IST)

बिलासपुर (बंशीधर): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी अब तक शुरू नहीं हो सकी है, जिससे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए दूसरे राज्यों विशेषकर एम्स दिल्ली का रुख करना पड़ रहा है, जिससे उन पर समय और धन का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार एम्स बिलासपुर में वर्तमान में मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ ही पेट संबंधी समस्याओं वाले मरीजों की प्राथमिक जांच कर रहे हैं। यदि किसी मरीज का मामला जटिल होता है या उसे विशेष उपचार की आवश्यकता होती है, तो उसे तुरंत एम्स दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाता है।
मरीजों के लिए विशेष रैफरल व्यवस्था
हालांकि, मरीजों की असुविधा को कम करने के लिए एम्स प्रबंधन ने एक विशेष रेफरल मैकेनिज्म तैयार किया है। इस व्यवस्था के तहत, बिलासपुर एम्स से रेफर किए गए मरीजों को एम्स दिल्ली में बिना किसी इंतजार के प्राथमिकता के आधार पर भर्ती कर लिया जाता है। इतना ही नहीं, मरीज के साथ जाने वाले एक तीमारदार को एम्स के गैस्ट हाऊस में ठहरने की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इस प्रणाली से मरीजों को दिल्ली में अप्वाइंटमैंट लेने और रहने की चिंता से कुछ हद तक राहत तो मिलती है, लेकिन यात्रा का खर्च और समय की बर्बादी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
जल्द ओपीडी शुरू होने की उम्मीद
इस संबंध में एम्स बिलासपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश वर्मा ने बताया कि प्रबंधन गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी ओपीडी को जल्द से जल्द शुरू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि यह सुविधा शीघ्र ही शुरू हो जाए। ओपीडी के शुरू होने के बाद प्रदेश के मरीजों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें राज्य में ही आधुनिक जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान रैफरल व्यवस्था मरीजों की सुविधा के लिए है, ताकि उन्हें दिल्ली पहुंचने पर रजिस्ट्रेशन जैसी औपचारिकताओं में उलझना न पड़े और उनका इलाज तुरंत शुरू हो सके।
चिकित्सा की एक महत्वपूर्ण शाखा है गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी चिकित्सा की एक महत्वपूर्ण शाखा है जो पेट, आंत, लिवर, पित्ताशय और अग्नाशय से संबंधित रोगों जैसे गैस, एसिडिटी, अल्सर, लीवर विकार और आंतों में संक्रमण का इलाज करती है। इस ओपीडी के शुरू होने का हजारों मरीजों को बेसब्री से इंतजार है।