कुल्ल्वी संस्कृति को भी बढ़ावा देने में लोकनृत्य का अहम योगदान

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2019 - 04:27 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप) : हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में चल रहे सात दिवसीय देवमहाकुम्भ के नाम से विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज तीसरा दिन है। कुल्लू दशहरा में जहां अलग- अलग रंग दिखने को मिल रहे हैं वहीं दशहरा कमेटी की और से जिला कुल्लू की प्राचीन संस्कृति और वेश भूषा से लोगों को अवगत करवाने व कुल्लवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक नृत्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है।
PunjabKesari

कुल्लू के ऐतिहासिक लाल चन्द प्रार्थी कलाकेन्द्र में चल रही लोक नृत्य प्रतियोगिता में जिला कुल्लू के अलग-अलग स्थानों से लगभग 30 के करीब महिला मंडल और युवक मंडल ने भाग लिया। दशहरा कमेंटी द्वारा आयोजित इस लोकनृत्य प्रतीयोगिता से जहां लोगों को कुल्ल्वी संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिला है वहीं लोक कलाकारों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलता है। बता दें कि इस बार कुल्लू दशहरा में आयोजित लोकनृत्य नृत्य प्रतियोगिता में जिले कुल्लू से लगभग पच्चीस के करीब टीमें भाग ले रही हैं। लोकनृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने आये प्रतिभागियों ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लगा रहा है।
PunjabKesari

उनका कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से ग्रामीण क्षेत्र की महीलाओं और युवक मंडलों को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। उन्होने कहा कि इस तरह के आयोजन से कुल्ल्वी संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है साथ ही कुल्लू की प्राचीन संस्कृति है भी देखने को मिलती है जो आज विलुप्त होती जा रही है । उनका कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आगे भी आयोजित होती रहनी चाहिए।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Simpy Khanna

Related News