CM ने बजाई देश के First Voter श्याम शरण नेगी के फोन पर घंटी, किया यह वादा
punjabkesari.in Tuesday, Mar 06, 2018 - 11:05 AM (IST)

शिमला: जीवन के 100 साल देख चुके देश के पहले वोटर श्याम शरण नेगी उस समय हैरान रह गए, जब उन्हें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का फोन आया। सोमवार को सीएम ने श्याम नेगी से किन्नौर जिला स्थित कल्पा में उनसे फोन पर बात की और उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने नेगी के स्वास्थ्य और परिजनों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा है कि अगर उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो तो वह तुरंत जिलाधीश से संपर्क करें तथा प्रशासन और सरकार उनकी हर संभव सहायता करेगी। जयराम ने कहा कि उनका जब भी किन्नौर जिला के प्रवास का कार्यक्रम निर्धारित होगा, वह निश्चित तौर पर उनसे व्यक्तिगत तौर पर भेंट करेंगे। नेगी ने बातचीत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। किन्नौर जिला के जिलाधीश गोपाल चंद और श्यामसरण नेगी के परिजन भी इस अवसर पर उनके साथ उपस्थित थे।
श्याम शरण ऐसे बने थे देश के पहले वोटर
ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत में साल 1952 में पहले आम चुनाव हुए थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि भारत के जनजातीय इलाके भी आम चुनाव में हिस्सा लें। क्योंकि जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। देशभर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले किन्नौर इलाके को ही चुना गया। उस समय किन्नौर में श्याम शरण नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई थी। उस समय वहां सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी। साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था। वहां मतदान के लिए मतपेटी भी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया।
स्थितियां ऐसी थीं कि कोई भी मतदान के लिए आने को तैयार नहीं था, तो ऐसे में श्याम ने ही सबसे पहले मतदान किया। यह 25 अक्टूबर 1951 की बात थी। उन्होंने वोट डालने के बाद महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया। भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित भी किया गया। उन पर डॉक्यूमेंटरी भी तैयार की है, जिसे अब तक यू-ट्यूब पर कई लोग देख चुके हैं। हर चुनाव में वोट डालने के लिए पहुंचने वाले नेगी लोकतंत्र में भारतीय आस्था के प्रतीक बन चुके हैं। उनके स्वागत में रेड कारपेट भी बिछाया जाता है।