सरकारी महिला कर्मी ने बिना त्याग पत्र दिए लड़ लिया पंचायत प्रधान पद का चुनाव

punjabkesari.in Sunday, Jan 24, 2021 - 11:52 PM (IST)

ऊना (विशाल स्याल): एक सरकारी कर्मचारी ने बिना त्याग पत्र दिए पंचायत प्रधान पद का चुनाव लड़ लिया और विभाग उसके खिलाफ कागजी कार्रवाई करने में ही जुटा रहा। कार्रवाई भी पूरी नहीं हो पाई और चुनाव बीत गया। हालांकि उक्त कर्मी की चुनाव में हार हुई लेकिन इस पूरे वाकया में प्रशासनिक तंत्र भी पूरी तरह से हार गया, जोकि समय पर इस संबंध में कार्रवाई को अमल में ही नहीं ला पाया। उक्त कर्मी ने नामांकन के शपथ पत्र में सरकारी कर्मी होने या न होने के संबंध में क्या अंकित किया है, यह भी जांच का विषय है।

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मी कुछ साल पहले विभाग में तैनात हुई थी और उसके बाद उसकी शादी हो गई। वह ससुराल में आकर रहने लगी और पिछले कुछ माह से अपनी ड्यूटी से बिना बताए नदारद चल रही थी। विभागीय अधिकारी उससे संपर्क साधने की कोशिश करते थे लेकिन उसके साथ अधिकारियों का कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। इस दौरान शो कॉज नोटिस भी सर्व हुए, जिनका उक्त महिला कर्मी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

इसी बीच उक्त महिला कर्मी ने अपने ससुराल के गांव से पंचायत प्रधान पद का चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भी दिया, जिसकी भनक स्वास्थ्य विभाग को हुई तो कदमताल शुरू हुई। इस बीच ढुलमुल रवैया चलता रहा और चुनाव आ गया लेकिन उक्त महिला कर्मी की प्रधान पद पर हार हो गई। अब स्वास्थ्य विभाग ने एमडी हैल्थ मिशन से पत्राचार किया तो एमडी ने अब कार्रवाई की गेंद को सीएमओ ऊना के पाले में फैंक दिया है लेकिन आज दिन तक इस संबंध में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी है। 

सीएमओ डॉ. रमन कुमार शर्मा ने बताया कि इस संबंध में विभाग को सूचना मिली थी, जिसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। एमडी हैल्थ मिशन से पत्राचार हुआ है और अब इस संबंध में जिला स्तर पर ही कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है। उक्त महिला कर्मी पिछले कुछ माह से ड्यूटी से भी बिना बताए गैर-हाजिर चल रही है और उसने बिना त्याग पत्र दिए पंचायत चुनाव भी लड़ा है।   


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Vijay

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