ट्रामा सेंटर को लेकर टूटी लोगों की उम्मीदें, 1 साल फिर करना होगा इंतजार

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 03:38 PM (IST)

शिमला(जस्टा): आई.जी.एम.सी. में बन रहे ट्रॉमा सैंटर को लेकर अब लोगों की उम्मीदे टुट चुकी है। सच्चाई यह है कि ट्रॉमा सैंटर के लिए लोगों को कम से कम एक साल इंतजार करना होगा। उसके बाद ही लोगों को ट्रॉमा सेंटर मिलेगा। ट्रॉमा सैंटर बनाने का निर्णय प्रशासन ने आई.जी.एम.सी. में बन रहे नए भवन में लिया है। अभी यह भवन पूरा बनकर तैयार नहीं हुआ है। इस भवन में ओ.पी.डी. भी खोली जानी है, लेकिन इसमें अभी समय लगना है। भवन का कार्य कछुआ चाल से चला हुआ है। दुर्घटना और गिर जाने पर सामान्य तौर सिर पर चोट लगने वाले गंभीर मरीजों को पी.जी.आई. ले जाना पड़ेगा। इसका कारण है कि प्रदेश के एक भी अस्पताल में इतनी सुविधा उपलब्ध नहीं है कि मरीजों को यहां पर दुर्घटना के समय पूरा इलाज मिल सके।

आई.जी.एम.सी. पिछले कई सालों से एक ट्रामा सैंटर बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन तैयार नहीं हो पा रहा है। ट्रॉमा सैंटर न होने से लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है। एक तरफ प्रदशवासियों को समय से उपचार नहीं मिलता है दूसरी और पैसे भी अधिक खर्च करने पड़ते हैं। गंभीर मरीजों को सीधे ही चंडीगढ़ पी.जी.आई. रैफर किया जाता है। आई.जी.एम.सी. में प्लास्टिक सर्जरी नहीं हो रही है। ऐसे में मरीजों को पी.जी.आई. रैफर किया जाता है। जब कोई गंभीर मरीज अस्पताल में आता है तो उसी समय आई.जी.एम.सी. में तैनात डाक्टर स्पष्ट शब्दों में कहते है कि यहां पर प्लास्टिक सर्जरी नहीं होती है। मरीज को चंडीगढ़ ले जाओं। हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष सडक़ हादसे होते है। हादसे के दौरान अगर किसी की हड्डी टुट गई तो प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत भी पड़ जाती है। जब भी ऐसे में मामले आते है तो उन्हें प्लास्टिक सर्जरी के लिए मरीजों को पी.जी.आई. भेजा जाता है। गरीब लोगों को इलाज करवाना मुश्किल हो जाता है। अगर यहां पर ट्रॉमा सेंटर होता तो दुर्घटना वाला मरीज सीधा ट्रॉमा सैंटर में जाता और अपना इलाज करवाता। इस सुविधा से अभी तक प्रदेशवासी वंचित है।

आई.जी.एम.सी. के एमएस जनक राज ने कहा कि आई.जी.एम.सी में बन रहे नए भवन में ट्रॉमा सैंटर बनाने का निर्णय लिया गया है। जैसे ही भवन तैयार होगा तो तुरंत ट्रॉमा सेंटर खोला जाएगा। फिलहाल अभी थोड़ा समय लगेगा। कोशिश की जा रही है कि जल्द ही ट्रॉमा सैंटर बनकर तैयार हो और प्रदेश के मरीजों को सुविधा मिले। 


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Edited By

Simpy Khanna

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