बिजली बोर्ड कर्मियों से नहीं होगी रिकवरी!
Wednesday, Jan 02, 2019 - 10:43 AM (IST)
शिमला (हेटा): राज्य विद्युत बोर्ड के बी.ओ.डी. में लिए गए फैसले के बाद मंगलवार को बोर्ड ने रिकवरी को अगले आदेशों तक डैफर (रोक) कर लिया है लेकिन इससे विद्युत कर्मियों को पूरी राहत नहीं मिल पाई है। इन आदेशों के तहत बीते कुछ दिनों के दौरान जो कर्मचारी रिटायर हुए हैं या आने वाले दिनों में रिटायर होने हैं, उनकी पैंशन तय नहीं हो पाएगी क्योंकिबिजली बोर्ड को अब यह तय करना है कि रिटायर कर्मियों को बढ़े हुए ग्रेड-पे से पैंशन दी जाए या फिर कम किए गए ग्रेड-पे से पैंशन का भुगतान किया जाए। इससे सैकड़ों विद्युत कर्मचारी पसोपेश में हैं।
बिजली बोर्ड ने विद्युत कर्मियों से रिकवरी के आदेश स्टडी करने को एक कमेटी का गठन किया है। जब तक कमेटी अपनी सिफारिश बिजली बोर्ड को नहीं दे देती है, फिलहाल तब तक 30 सितम्बर, 2018 के आदेशों के तहत कर्मचारियों से रिकवरी नहीं होगी। ऐसे में विद्युत कर्मियों को अभी आधी-अधूरी राहत मिल पाई है। बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने रिकवरी के आदेशों के खिलाफ प्रबंधन को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दे रखी है। 8 जनवरी को विद्युत कर्मचारी महासंघ ने प्रदेशभर में विद्युत मुख्यालय, मंडल और सर्कल लेवल पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान कर रखा है।
राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बताया कि रिकवरी के आदेशों को डैफर करने से कर्मचारियों को पूरी राहत नहीं मिल पाई है। महासंघ 30 सितम्बर, 2018 के आदेशों को वापस लेने की मांग कर रहा है। उन्होंने बताया कि रिकवरी आदेश डैफर करने के बाद यह साबित हो गया है कि यह किसी के द्वारा रचा गया षड्यंत्र नहीं था बल्कि बिजली बोर्ड के आदेशों से ऐसा किया गया है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों कुछ स्वयंभू कर्मचारी नेता इसे षड्यंत्र बता रहे थे। उन्होंने बताया कि यदि रिकवरी के आदेश वापस नहीं लिए जाते तो कर्मचारी सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेंगे।