मनाली में होगी मनु धाम की स्थापना : गोविंद ठाकुर

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 07:29 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि 1857 के विद्रोह को पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है, जब अंग्रेजी हुकूमत को देश से उखाड़ फैंकने का संकल्प आरंभ हुआ था। यह निश्चित तौर पर ऐसी लोकप्रिय क्रांति थी, जिसमें भारतीय शासक, जनसमूह, किसान और नागरिक सेना शामिल थी। गोविंद ठाकुर अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना समिति हिमाचल प्रदेश, भारतीय अनुसंधान परिषद दिल्ली और इतिहास शोध संस्थान नेरी द्वारा हिमाचल कला, संस्कृति भाषा अकादमी के तत्वावधान में मनाली में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत हिन्द स्वराज 1857 से 1947 तक का संघर्ष विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सैमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनु की नगरी के नाम से विख्यात मनाली में मनु धाम की स्थापना की जाएगी। इसके लिए लंबे समय से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनाली में मनु का इतिहास क्या रहा है, इस बारे विश्व स्तर तक मनाली की ख्याति पहुंचनी चाहिए। मनु धाम में अनेक शोध के कार्य किए जाएंगे। मनु धाम के लिए भूमि दान करने वालों का योगदान लेकर सभी को आगे बढऩा है, प्रदेश सरकार इसमें हरसंभव मदद करेगी।

आजादी के इतिहास को जानना भावी पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी

गोविंद ठाकुर ने कहा कि आजादी के इतिहास को जानना भावी पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है और इसे जानने के लिए एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था का होना जरूरी है, जिसमें भारतीय संस्कार, भारतीय ज्ञान और पूरी तरह से भारतीयता का समावेश हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक सांस्कृतिक नीति लाई है, जिसमें अनेक बुद्धिजीवियों का सहयोग और सुझाव लेकर इसमें महापुरुषों के विचारों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह बहुत बढिय़ा डॉक्यूमैंट होगा, जिसके माध्यम से हम इतिहास, कला और संस्कृति को अच्छे से जान सकेंगे। भावी पीढ़ियों को इसका समुचित ज्ञान प्राप्त होगा। जाने-माने इतिहासकार डाॅ. प्रशांत गौरव ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए 1857 की क्रांति से लेकर आजादी तक के इतिहास की मुख्य घटनाओं का उल्लेख किया। मुख्य वक्ता के रूप में डाॅ. चेत राम ने भी भारत की आजादी के गौरवमय इतिहास की जानकारी दी। लेखक व साहित्यकार डाॅ. सूरत ठाकुर ने कुल्लू जिले के योगदान का उल्लेख किया। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, अध्यक्षा महिला मोर्चा मनाली जिंदू ठाकुर व एसडीएम डाॅ. संदीप ठाकुर सहित अनेक इतिहासकार व साहित्यकार उपस्थित रहे। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति समाज में लाएगी बड़ा बदलाव

गोविंद ठाकुर ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के कालखंड से हम गुजर रहे हैं। इस नीति के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की ऐसी नीति बनी है, जिसमें सबसे ज्यादा संवाद हुआ है। इस नीति के निर्माण में ऊपर से ग्रामीण स्तर तक समितियां बनाई गईं और बेहतर सुझावों का समावेश इसमें किया गया है। उन्होंने कहा कि यह नीति बच्चों को ऐसा वैश्विक ज्ञान देने की ताकत रखती है, जिससे भारत वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले ने भारत के लिए जो शिक्षा नीति लाई थी, उसके बारे कहा था कि यदि यह नीति 20 सालों के लिए भी लागू हो जाए तो हम भारत पर अगले 400 सालों तक शासन कर सकते हैं। इस नीति से पूरी तरह से पश्चिमी सोच का समाज बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लाया है, जिसे लागू करना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस नीति में भारतीय मूल्यों, संस्कृति व परंपराओं का ज्ञान बच्चों को मिलेगा। राष्ट्र निर्माण का कार्य करने वाली यह नीति समाज में आने वाले कुछ सालों में बड़ा बदलाव लाने की ताकत रखती है।

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Content Writer

Vijay

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