हिमाचल के 3 हजार सैनिकों ने आजाद हिंद फौज में निभाया था अहम किरदार : जीडी बख्शी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 09, 2021 - 11:19 PM (IST)

जसवां-परागपुर (ब्यूरो): सुरक्षा विशेषज्ञ व रिटायर्ड मेजर जनरल डाॅ. जीडी बख्शी ने कहा कि जंग-ए-आजादी में अपने लगभग 26 हजार सैनिकों का बलिदान देने वाली आजाद हिंद फौज में हिमाचल प्रदेश के 3 हजार से ज्यादा सैनिकों ने अहम किरदार निभाया था। हिमाचल के इन शूरवीरों की त्याग, तपस्या व बलिदान की कहानियां प्रदेश के कोने-कोने में मौजूद हैं। मंगलवार को कैप्टन संजय पराशर द्वारा परागपुर में आजाद हिंद फौज के सैनिक परिवारों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 200 स्वतंत्रता सेनानियों के सदस्यों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे डाॅ. बख्शी ने कहा कि वे भी आजाद हिंद फौज के सैनिकों के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह गौरव की बात है कि आज कैप्टन संजय के माध्यम से इन स्वतंत्रता सेनानी परिवारों से रू-ब-रू होने का मौका प्राप्त हुआ।

आजाद हिंद फौज के बलिदानी सैनिकों के नाम पर कहीं पत्थर तक नहीं लग पाया

भारत माता को पराधीनता की बेड़ियों से आजाद करवाने में आजाद हिंद फौज का अमूल्य योगदान था और उनके द्वारा इस विषय पर करवाए गए शोध और प्राप्त दस्तावेजों में भी यह बात सिद्ध हो चुकी है कि अंग्रेज आजाद हिंद फौज के डर से ही यहां से जाने को मजबूर हुए थे लेकिन दुख इस बात का है कि देश की स्वतंत्रता के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी आजाद हिंद फौज के बलिदानी सैनिकों के नाम पर कहीं पत्थर तक नहीं लग पाया है। हालांकि उन्होंने इसे लेकर सार्थक प्रयास किए और अब परिणाम यह है कि यह ऐतिहासिक गलती जल्द सुधरने वाली है और भारत सरकार ने इन सैनिकों के लिए युद्ध संग्रहालय की स्वीकृति दे दी है। युद्ध संग्रहालय दिल्ली में बनकर तैयार होगा।

कश्मीर कोई सराय नहीं

डाॅ. बख्शी ने पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पड़ोसी देश कभी भी अपनी नाकाम हरकतों से बाज आने वाला नहीं है। साथ में चीन भी अपनी कुटिल चालें अक्सर चलता रहता है बावजूद भारतीय सेना के सैनिकों के हौसले इतने मजबूत हैं कि वे पड़ोसी देशों को कभी आईना दिखा सकते हैं। पाकिस्तान को बालाकोट में उसके घर में घुसकर सॢजकल स्ट्राइक के जरिए हमारे जाबांज सैनिकों ने शौर्य का परिचय दिया था। लातों के भूत बातों से नहीं मानते, ऐसे में इसी अंदाज में भारतीय सेना जवाब देना भी जानती है। पड़ोसी देश को यह मालूम होना चाहिए कि कश्मीर कोई सराय नहीं है। बख्शी ने कहा कि कैप्टन संजय पराशर के माध्यम से मुझे आजाद हिंद सैनिकों के परिवारों से मिलने का मौका मिला है, जिसके लिए वह दिल से उनका आभार व्यक्त करते हैं। इस मौके पर डाॅ. बख्शी ने अपनी रैजीमैंट छठी जैक राइफल्स के पूर्व सैनिकों से संवाद किया और दोपहर का भोजन भी साथ किया। जैक राइफल्स के कैप्टन दिलबाग सिंह ने बताया कि पराशर के सौजन्य से उन्हें डाॅ. बख्शी से मिलने का मौका प्राप्त हुआ है।

कार्यक्रम में पहुंचे स्वतंत्रता सेनानी सत्यभूषण बख्शी

जिला मुख्यालय ऊना से आजाद हिंद फौज में स्वतंत्रता सेनानी रहे सत्यभूषण बख्शी भी आजाद हिंद फौज के सैनिक परिवारों के सम्मान समारोह में पहुंचे। बख्शी का कैप्टन संजय ने स्वागत किया। रिटायर्ड मेजर जनरल डाॅ. जी.डी. बख्शी ने भी सत्यभूषण से बात की और आजाद हिंद फौज के बारे में उनके अनुभवों के बारे में पूछा। सत्यभूषण ने कैप्टन संजय द्वारा किए गए अनूठे आयोजन की सराहना करते हुए उनकी पीठ थपथपाई।

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Content Writer

Vijay

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