विधानसभा: जब तक हिमाचल में आर्थिक संकट रहेगा, एक रुपया वेतन लेंगे प्रकाश राणा
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 10:52 PM (IST)
तपोवन (धर्मशाला) (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आपदा को लेकर चर्चा जारी रही। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार की ओर से किए कार्यों को गिनाया, तो वहीं विपक्ष के सदस्यों ने आपदा राहत में जमीनी स्तर पर कार्य नहीं होने का आरोप लगाया। आपदा को लेकर लाई चर्चा के दौरान भाजपा विधायक प्रकाश राणा ने 1 रुपया वेतन लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो जाती, तब तक वह एक रुपया वेतन लेंगे। उनकी इस घोषणा का विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने भी स्वागत किया। विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि राज्य को अब आय के स्त्रोत बढ़ाने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार अपने आय के स्त्रोत नहीं बढ़ा सकती तो अपने खर्चों को कम करे। उन्होंने सरकार को अपने आय के साधन को जुटाने का सुझाव भी दिया तथा कहा कि सरकार का काम प्रदेश को आर्थिक संकट से उबारना है।
राणा ने कहा कि किसी भी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने गलत किया है तो कार्रवाई करें। कर्जे में डूबते हुए हिमाचल की चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल का कर्जे ने बेड़ा गर्क कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी सीएम के कार्यकाल में लिए कर्जे का ब्यौरा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 और की आपदा में उनके हलके की कई पंचायतों को भारी नुक्सान हुआ। 2023 की आपदा का मलबा अभी भी सड़कों पर पड़ा है। उन्होंने सवाल किया कि 2023 की आपदा राहत के लिए साढ़े 4 हजार करोड़ के पैकेज का क्या हुआ। 8 से 10 माह में 2,900 टेंडर लगाए हैं, वहां पर इस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है।
धारा-118 भ्रष्टाचार का स्त्रोत : हर्षवर्धन
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रकाश राणा की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि राणा ने अच्छी बात की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। यह समय एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है। राज्य कर्जे के मकड़जाल में फंसता जा रहा है। हमें आय के साधन बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा कि धारा-118 भ्रष्टाचार का स्त्रोत है। पूर्व की जयराम सरकार ने भी स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाने का प्रयास किया, लेकिन हमने उसका विरोध किया था।
आपदा राहत में सरकार को जितना गंभीर होना चाहिए था, वह नहीं दिखा : परमार
इससे पहले चर्चा शुरू करते हुए भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने आरोप लगाया कि आपदा राहत में सरकार को जितना गंभीर होना चाहिए था, वह नहीं दिखा। आज भी कई इलाकों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि विकास होना चाहिए, लेकिन इसके साथ हम विनाश की ओर भी अपने आप को ले जा रहे हैं। मलबे को नदी-नालों में फैंका जा रहा है, जिससे बहुत नुक्सान हो रहा है। बांधों में पानी का स्तर बढ़ रहा है तथा छोड़ा गया पानी पंजाब तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के लिए प्रकृति जिम्मेदार है, लेकिन मानव की कृति भी विनाश के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद व जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है। परमार ने उनके विधानसभा क्षेत्र की कई कूहलों का जिक्र करते हुए कहा कि आपदा से यह क्षतिग्रस्त हो गई हैं तथा अभी तक इन्हें ठीक नहीं किया गया है। गत 3 वर्षों में विपक्ष के सदस्यों ने जितने भी प्राकलन नाबार्ड को भेजे हैं, वे वापस आ रहे हैं।
आपदा राहत में लगे अधिकारियों से रिपोर्ट ले सरकार
परमार ने सरकार से आपदा राहत कार्यों में लगे अधिकारियों से रिपोर्ट लेने की सलाह दी तथा आरोप लगाया कि सरकार प्राकृतिक आपदा के नाम पर समाज में सनसनी पैदा करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश व त्रिपुरा ने राहत सामग्री व 5-5 करोड़ भी दिए। कई तहसीलों को अभी तक राहत राशि नहीं मिली है। इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वर्ष 2023 की आपदा के दौरान विपक्ष की मांग पर विधानसभा की बैठक बुलाई थी, लेकिन सरकार की ओर से पेश प्रस्ताव में उन्होंने भाग नहीं लिया।
आपदा से मनाली क्षेत्र की आर्थिकी हुई खराब : भुवनेश्वर
विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आपदा से वर्ष 2023 तथा इस वर्ष भी भारी नुक्सान हुआ है। इस बार की आपदा ने मनाली क्षेत्र की आर्थिकी खराब की है, क्योंकि सड़कें टूटने के कारण सैलानी नहीं आए। उन्होंने मांग की है कि जिन लोगों की जमीन बारिश में बह गई है, उनको तबादले में जमीनें दी जाएं। उन्होंने ब्यास नदी से मिट्टी-पत्थर को निकालने की व्यवस्था करने का भी आग्रह किया।
केसीसी के तहत ऋण माफी का मामला केंद्र से उठाए सरकार : अनुराधा
विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि आपदा से उनके विधानसभा क्षेत्र में 80 फीसदी फसलें खेतों में बर्बाद हो गईं। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र की आर्थिकी कृषि और पर्यटन पर निर्भर है। लाहौल-स्पीति में 18 करोड़ रुपए की सब्जी का नुक्सान हुआ है। उन्होंने केसीसी के तहत लिए ऋण में माफी देने और ऋण वापसी के लिए रियायत देने का मामला केंद्र से उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एफसीए आपदा प्रभावितों को अभी तक जमीनें नहीं दे पाए हैं। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा राहत राशि में रिकॉर्ड बढ़ौतरी की है।
विनोद ने सरकार के 3 वर्ष के जश्न पर उठाए सवाल
विधायक विनोद कुमार ने सरकार के 3 वर्ष के जश्न पर भी सवाल उठाए तथा कहा कि आज हमारा ध्यान जश्न की और नहीं, बल्कि आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए होना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि हम जश्न किस बात का मना रहे हैं। क्या हम सड़कें टूटी होने, पानी की योजनाएं खराब होने, गारंटियां पूरी नहीं होने का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों कीे तरह जश्न को भी टाला जाना चाहिए तथा पैसों का उपयोग आपदा प्रभावितों को राहत देने के लिए किया जाना चाहिए।
हवा में लटके घरों के भी दिए जाएं सात लाख : नैय्यर
विधायक नीरज नैय्यर ने चर्चा में कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जो मकान अच्छी जगह थे, वे खाई में लटके हैं। ऐसे में उन्होंने मांग उठाई कि चम्बा के डीसी को आदेश दिया जाए कि इन घरों के लिए भी 7 लाख रुपए दिए जाएं।
बंजार में न सीएम आए और न ही कोई मंत्री : शौरी
विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि आपदा के दौर में बंजार विधानसभा में 415 मकान पूर्ण रूप से और 812 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि बंजार में जून माह में बादल फटे, लेकिन अभी तक सीएम और कोई भी मंत्री विधानसभा नहीं आया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं द्वारा भेजे प्राकलन को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आपदा बंजार में आई और पैसा नादौन और देहरा को दिया जा रहा है। जहां जरूरत है, वहां पैसा दिया जाना चाहिए।
कोविड काल में हुआ भ्रष्टाचार : रणजीत
विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने कहा कि आपदा से भारी नुक्सान हुआ है। वर्तमान सरकार और मुख्यमंत्री ने आपदा राहत के लिए कार्य किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार के समय में कोविड-19 के समय भ्रष्टाचार किया गया तथा राहत राशि भी सुचारू रूप से प्रदान नहीं की। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने कहा कि पहले आप भी हमारे साथ थे। इस पर सदन में ठहाके गूंज उठे।
पीडीएनए का आया 451 करोड़ : सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि केंद्र की टीम ने वर्ष 2023 में आई आपदा के दौरान 9,300 करोड़ के नुक्सान का आकलन किया है, लेकिन अभी तक पीडीएनए के 451 करोड़ रुपए ही आए हैं। सरकार आपदा में अपने संसाधनों से सहायता कर रही है। वहीं सुरेंद्र शौरी के आरोपों पर सीएम ने कहा कि बंजार विधानसभा क्षेत्र में जब घरों को आग लगी तो लोक निर्माण मंत्री व राजस्व मंत्री मौके पर गए। वह स्वयं भी एक रात गांव में रहे।

