Kangra: होटल के ऋण मामले में बाली ने रखे दस्तावेज, कहा परिवार के सदस्यों पर की जा रही है छींटाकशी
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 09:51 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): केसीसी बैंक वन टाइम सैटलमैंट (ओटीएस) मामले को लेकर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व नगरोटा बगवां के विधायक आरएस बाली ने मामले को लेकर सोमवार को अहम खुलासे किए हैं। सोमवार को धर्मशाला में प्रैसवार्ता में आरएस बाली ने कहा कि बैंक ने ओटीएस स्कीम को पहली बार नहीं किया है, बल्कि इससे पहले भी बैंक की ओर से ओटीएस स्कीम लाई गई है। बाली ने कहा कि इस मामले में उनकी हर किसी पर पैनी नजर है, चाहे वह नेता हों या फिर अधिकारी। बाली ने कहा कि यदि इस होटल खरीद से किसी को दिक्कत है, तो प्रदेश या केंद्र की किसी भी एजैंसी से जांच करवा लें या फिर कोर्ट जा सकते हैं।
बाली ने कहा कि इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों पर छींटाकशी की गई है, जिस पर पहले नोटिस जारी करके सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात कही जाएगी, अन्यथा कोर्ट का रुख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस होटल को ओटीएस के तहत राहत देने की बात कही जा रही है, उस होटल के मालिक की ओर से बाकायदा विज्ञापन, समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था, जिस पर उनकी पत्नी ने विज्ञापन में दर्शाए ई-मेल पर संपर्क किया और आगामी प्रक्रिया की बातचीत हुई।
बाली ने कहा कि विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को इस होटल के मामले में जानकारी है, इसीलिए उन्होंने किसी भी प्रकार की बात नहीं कही है। बाली ने कहा कि उक्त ओटीएस स्कीम की प्रक्रिया पूर्व भाजपा सरकार के दौरान ही हुई थी। उस समय होटल के मालिक द्वारा ओटीएस पॉलिसी के तहत 2.20 करोड़ रुपए जमा करवा दिए गए थे, लेकिन पूरा पैसा न जमा करवाने के चलते यह मामला लटक गया।
इसके बाद फिर से ओटीएस स्कीम बैंक में आई, जिसमें कई लोगों ने ओटीएस के तहत सैटलमैंट करवाई, जिसमें उक्त मामले से संबंधित होटल मालिक ने भी पूरा पैसा जमा करवा दिया। बाली ने कहा कि उक्त होटल मालिक ने वर्ष 2013 से वर्ष 2016 तक 18.55 करोड़ का ऋण केसीसी बैंक से लिया था और 5 करोड़ की सीसी की थी। बाली ने दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि होटल मालिक ने 33.63 करोड़ रुपए बैंक को वापस किए। बाली ने कहा कि उन्होंने उक्त होटल को 24 करोड़ में खरीदा है, जिसके लिए 18 करोड़ रुपए का लोन उन्होंने सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिया है, जबकि 6 करोड़ रुपए उन्होंने अपने बैंक अकाऊंट से दिए हैं।
बैंक के अधिकारियों को रखना चाहिए था बैंक का पक्ष
एक सवाल के जवाब में आरएस बाली ने कहा कि यह बैंक, मुख्यमंत्री के अधीन आता है, ऐसे में बैंक अधिकारियों को इस मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए थी। ऐसे मामले में बैंक अधिकारियों को अपना पक्ष रखना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।