Shimla: प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकती है देवभूमि संघर्ष समिति, जानिए वजह
punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2024 - 04:53 PM (IST)
शिमला (अम्बादत): संजौली अवैध मस्जिद को लेकर 28 सितम्बर को देवभूमि संघर्ष समिति शांतिपूर्ण तरीके से जिला मुख्यालय के बाहर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी। यह बात देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार और प्रशासन को संदेश देंगे कि समाज इस मसले को लेकर चुप नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि अगर संजौली की अवैध मस्जिद पर फैसला हिमाचल की जनता के हित में आता है तो इसका स्वागत किया जाएगा, अन्यथा समिति तब तक संघर्ष करेगी, जब तक अवैध अतिक्रमण हटाया नहीं जाता। उन्होंने कहा कि देव भूमि संघर्ष समिति ने इस मुद्दे को लेकर 26 इकाइयां पूरे तहसील स्तर पर बना दी हैं।
देव भूमि संघर्ष समिति ने साफ कहा है कि अगर संजौली अवैध मस्जिद पर 5 अक्तूबर को हिमाचल की जनता के हित में फैसला नहीं आया तो समिति पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी। प्रदेश में अवैध मस्जिदों और अवैध प्रवासियों को लेकर समाज में रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में जगह-जगह धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। भरत भूषण ने कहा कि अवैध मस्जिद को लेकर 1 सितम्बर से शुरू हुए आंदोलन में अब तक प्रदेश भर में 28 स्थानों पर प्रदर्शन हो चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहला आंदोलन है, जिसका कोई एक नेता नहीं है, कोई राजनीतिक दल या संगठन इसका नेतृत्व नहीं कर रहा है।
पहली बार समाज आंदोलन के लिए खड़ा हुआ है। भरत भूषण ने प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों से भी मांग रखी कि वे अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतें 2 अक्तूबर को होने वाली ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित करें कि अवैध लोगों को एंट्री इनकी पंचायतों नहीं होगी। अगर कोई सामान बेचने आता है तो उसकी पूरी वैरीफिकेशन होनी चाहिए और उसका वहां समय भी निर्धारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-फड़ी वाले एक समुदाय के लोग गांवों में सूट या सामान बेचने के नाम पर आकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं और भोली-भाली बहू-बेटियां को भगा रहे हैं।
हिमाचल के थानों में पिछले एक साल में 300 से ज्यादा महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में लगातार बंगलादेशियों और रोहिंग्या की आबादी बढ़ रही है। ये लोग योजनाबद्ध तरीके से यहां कारोबार के नाम पर बस रहे हैं। हिमाचल में मजार, मस्जिद, कब्रिस्तान के नाम पर भूमि अतिक्रमण का पड्यंत्र रचा जा रहा है।
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